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वन अधिकार अधिनियम और पेसा अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु समिति गठित, मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 203

28 दिसंबर 2024। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शनिवार को मुख्यमंत्री निवास, समता भवन में वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) और पेसा अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए गठित टास्क फोर्स की कार्यकारिणी समिति की बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में उन्होंने योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए आवश्यक निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए बताया, "मुख्यमंत्री यादव ने समता भवन में आयोजित बैठक के दौरान वन अधिकार अधिनियम और पेसा अधिनियम के क्रियान्वयन को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए।"

समिति के निर्देश और प्राथमिकताएं
आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री ने पेसा अधिनियम के तहत प्रस्तुत सभी दावों का प्राथमिकता से निपटारा करने और इसके लिए समय-सीमा निर्धारित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आगामी कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में इस पर समीक्षा की जाएगी। इसके साथ ही, पेसा अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जनजातीय कार्य विभाग में पेसा सेल स्थापित करने पर सहमति दी गई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा के अनुरूप, धरती आबा-जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (डीएजेजीयूए) के तहत पात्र हितग्राहियों को 100% लाभ सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि तेंदूपत्ता संग्राहकों और इससे जुड़े व्यवसायों को राज्य में ही प्रोत्साहित किया जाए ताकि जनजातीय समुदाय को अधिक लाभ मिल सके।

वन ग्रामों को राजस्व ग्राम में बदलने की प्रक्रिया तेज
बैठक में वन ग्रामों को राजस्व ग्राम में बदलने के लिए जारी अधिसूचना के तहत ग्रामीणों को शीघ्र अधिकार अभिलेख उपलब्ध कराने की बात कही गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि वन, राजस्व और जनजातीय कार्य विभाग के अधिकारियों को जिला स्तर पर समन्वय के साथ काम करना चाहिए।

विज्ञप्ति के अनुसार, प्रदेश में 925 वन ग्रामों में से 827 को राजस्व ग्राम में बदलने का निर्णय लिया गया है, जिनमें से 792 ग्रामों को पहले ही राजस्व ग्राम का दर्जा दिया जा चुका है। अब तक 790 ग्रामों का राजपत्र भी जारी किया जा चुका है।



स्थानीय भागीदारी और सामाजिक संगठनों की भूमिका
मुख्यमंत्री यादव ने वन क्षेत्रों के संरक्षण और जनजातीय समुदाय के जीवन स्तर को बेहतर बनाने पर जोर दिया। उन्होंने सामुदायिक वन संसाधनों के संरक्षण और प्रबंधन में स्थानीय निवासियों की भागीदारी सुनिश्चित करने की बात कही। इसके साथ ही, सामाजिक संगठनों को भी इन गतिविधियों में शामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया।

बैठक में वन अधिकार अधिनियम के प्रावधानों और उसके क्रियान्वयन के विभिन्न पहलुओं पर भी विस्तृत चर्चा की गई।

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