मानव रहित डॉकिंग सफल, अपने अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण का मार्ग प्रशस्त
16 जनवरी 2025। भारत ने अंतरिक्ष क्षेत्र में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गुरुवार को सफलतापूर्वक स्पैडेक्स (स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट) मिशन के तहत मानव रहित डॉकिंग पूरी की। इस उपलब्धि के साथ, भारत ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया।
इसरो ने इस सफलता को भारत के भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया है। इनमें देश के अपने अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण और 2040 तक चंद्रमा पर भारतीय अंतरिक्ष यात्री भेजने की योजना शामिल है।
इसरो ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, "भारत ने अंतरिक्ष इतिहास में अपना नाम दर्ज कर लिया है! इस पल का गवाह बनकर गर्व महसूस हो रहा है।"
स्पैडेक्स मिशन की विशेषताएं
स्पैडेक्स मिशन को 30 दिसंबर को लॉन्च किया गया था। इस मिशन का उद्देश्य पृथ्वी की निचली कक्षा में दो छोटे अंतरिक्ष यानों के मिलन, डॉकिंग और अनडॉकिंग के लिए आवश्यक तकनीक का विकास और प्रदर्शन करना था।
12 जनवरी को इसरो ने सफलतापूर्वक दो अंतरिक्ष यानों को एक-दूसरे के तीन मीटर के भीतर लाने और फिर उन्हें सुरक्षित दूरी पर वापस भेजने का ट्रायल रन पूरा किया। इसके कुछ ही दिनों बाद डॉकिंग को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया।
प्रधानमंत्री की बधाई
16 जनवरी 2025। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो को इस सफलता के लिए बधाई दी। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, "यह भारत के महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष मिशनों के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। आने वाले वर्षों में यह हमारे अंतरिक्ष अभियानों को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।"
डॉकिंग तकनीक का महत्व
डॉकिंग तकनीक अंतरिक्ष स्टेशनों के निर्माण और संचालन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यह तकनीक मॉड्यूल को कक्षा में जोड़ने की सुविधा देती है, जिससे बड़ी संरचनाओं का निर्माण संभव होता है। इसके अलावा, यह चालक दल, आपूर्ति और उपकरणों के स्थानांतरण को सक्षम बनाती है, जिससे एक कार्यात्मक और टिकाऊ अंतरिक्ष स्टेशन बनता है।
डॉकिंग तकनीक का उपयोग उपग्रहों की सर्विसिंग, मरम्मत और ईंधन भरने में भी किया जाता है, जिससे उनके परिचालन जीवनकाल को बढ़ाया जा सकता है। इसरो ने स्पैडेक्स मिशन के तहत कक्षा में दो अंतरिक्ष यानों को जोड़ने के लिए सटीक पैंतरेबाज़ी और नियंत्रण प्रणाली का सफल प्रदर्शन किया।
SpaDeX Docking Update:
— ISRO (@isro) January 12, 2025
SpaDeX satellites holding position at 15m, capturing stunning photos and videos of each other! 🛰️🛰️
#SPADEX #ISRO pic.twitter.com/RICiEVP6qB
भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाएं
पिछले वर्ष इसरो ने कई महत्वपूर्ण मील के पत्थर हासिल किए, जिनमें कई उपग्रह लॉन्च और रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल (RLV) तकनीक का परीक्षण शामिल है। इसके अलावा, इसरो ने गगनयान मिशन के तहत पहली मानव रहित उड़ान के लिए ह्यूमन रेटेड लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (HLVM3) की असेंबली भी शुरू की।
स्पैडेक्स मिशन भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं को नई दिशा में ले जाने वाला एक बड़ा कदम है। यह मिशन न केवल भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को सशक्त करेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर देश की स्थिति को और मजबूत करेगा।