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भारत ने कनाडा के कॉलेजों पर मानव तस्करी के दावों की जांच शुरू की

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 133

25 दिसंबर 2024। भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कनाडा-अमेरिका सीमा पार मानव तस्करी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कनाडाई कॉलेजों और भारतीय संस्थाओं की भूमिका की जांच शुरू की है। यह कार्रवाई उस नेटवर्क का पर्दाफाश करने के बाद की गई है, जो भारतीय नागरिकों को अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश कराने के लिए सक्रिय था।

डिंगुचा घटना से जांच को मिली गति
यह मामला 2022 में गुजरात के डिंगुचा गांव के चार सदस्यों के परिवार की मौत से जुड़ा है। परिवार ने अमेरिका-कनाडा सीमा पार करने की कोशिश की थी, लेकिन ठंड के कारण उनकी मौत हो गई। ईडी ने इस मामले में मुख्य आरोपी भावेश अशोकभाई पटेल और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की है।

फर्जी शिक्षा योजनाओं का खुलासा
ईडी के अनुसार, आरोपियों ने कनाडाई कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में भारतीय छात्रों का प्रवेश सुरक्षित किया, लेकिन शिक्षा के बजाय इन छात्रों को अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश कराने के लिए प्रेरित किया। जांच में यह भी सामने आया कि कनाडाई संस्थानों को दी गई ट्यूशन फीस अक्सर छात्रों के खातों में वापस कर दी जाती थी, जिससे मिलीभगत का शक गहराता है।

पीड़ितों से मोटी रकम वसूलने का आरोप
ईडी का दावा है कि पीड़ितों से अवैध सेवाओं के लिए 5.5 से 6 मिलियन रुपये (लगभग $64,000 से $70,000) प्रति व्यक्ति वसूले गए।

व्यापक नेटवर्क का पर्दाफाश
ईडी ने हाल ही में मुंबई, नागपुर, गांधीनगर और वडोदरा सहित आठ स्थानों पर छापेमारी की। जांच में दो संस्थाओं को कमीशन के आधार पर विदेशी विश्वविद्यालयों में प्रवेश दिलाने में संलिप्त पाया गया। इन संस्थाओं ने मिलकर हर साल 35,000 से अधिक भारतीय छात्रों को विदेश भेजा, जिनमें से 25,000 एक संस्था और 10,000 दूसरी संस्था के जरिए गए।

संदिग्ध एजेंटों और कॉलेजों की पहचान
जांच में गुजरात में 1,700 और शेष भारत में 3,500 एजेंटों के नेटवर्क का खुलासा हुआ, जिनमें से 800 सक्रिय बताए गए हैं। ईडी ने 100 से अधिक कनाडाई कॉलेजों और 150 अन्य कॉलेजों के साथ समझौतों की पहचान की है।

भारतीय छात्रों की बड़ी संख्या
भारत कनाडा में अंतरराष्ट्रीय छात्रों का सबसे बड़ा स्रोत बना हुआ है। अगस्त 2024 तक, 427,000 भारतीय छात्र कनाडाई संस्थानों में नामांकित हैं। हालांकि, कनाडाई इमिग्रेशन विभाग (IRCC) ने 2024 में 10,000 से अधिक फर्जी छात्र स्वीकृति पत्रों का पता लगाया, जिनमें से 80% गुजरात और पंजाब से जुड़े थे।

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