अडानी को निशाना बनाने वाली अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने बंद किया अपना कारोबार

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Place: नई दिल्ली                                                👤By: prativad                                                                Views: 2025

16 जनवरी 2025। शॉर्ट-सेलर अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपने परिचालन को बंद करने का ऐलान किया है। कंपनी ने कहा कि उसने "पोंजी योजनाओं को उजागर करने" का अपना मिशन पूरा कर लिया है।

2017 में नाथन एंडरसन द्वारा स्थापित इस फर्म ने कई बड़े कॉर्पोरेट घोटालों का पर्दाफाश किया था। 2023 में हिंडनबर्ग ने अडानी समूह पर शेयर बाजार में हेरफेर और वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया था, जिससे समूह के बाजार मूल्य से 150 अरब डॉलर का नुकसान हुआ।

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद भारत में राजनीतिक हलचल तेज हो गई थी। विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अडानी समूह के बीच कथित संबंधों की जांच की मांग की थी।

कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर बयान जारी करते हुए कहा कि उनके पास मौजूद सभी मामलों को निपटाने के बाद उन्होंने यह निर्णय लिया है। एंडरसन ने कहा, "हमने पोंजी योजनाओं पर काम पूरा कर लिया है और नियामकों के साथ जानकारी साझा कर दी है। अब बंद करने का समय आ गया है।"

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडानी समूह के मॉरीशस स्थित "अपारदर्शी" फंडों के जरिए शेयर बाजार में निवेश का दावा किया गया था। हालांकि, अडानी समूह ने इन आरोपों को खारिज करते हुए उन्हें "झूठा और निराधार" बताया।

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने न केवल अडानी समूह बल्कि भारत की उभरती अर्थव्यवस्था पर भी प्रभाव डाला। आलोचकों का कहना है कि उनकी शॉर्ट-सेलिंग रणनीति ने बाजारों को अस्थिर किया।

हाल ही में, अमेरिकी अभियोजकों ने अडानी समूह पर सौर ऊर्जा अनुबंध हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने का आरोप लगाया। अडानी समूह ने इन आरोपों को भी खारिज कर दिया है।

हिंडनबर्ग के अचानक बंद होने के फैसले ने बाजार विशेषज्ञों के बीच कई सवाल खड़े कर दिए हैं। कुछ का मानना है कि यह अमेरिकी विनियामक निरीक्षण में संभावित बदलावों से जुड़ा हो सकता है।

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