भोपाल: 15 राज्यों के लोक और आदिवासी नृत्यों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 274

भगवान गणेश और तिरुपति बालाजी की लकड़ी की मूर्ति की कीमत 6 लाख रुपये

29 जनवरी 2025। भोपाल में पांच दिवसीय 40वें लोकरंग महोत्सव के तीसरे दिन मंगलवार को रवींद्र भवन के मुक्त मंच पर लेबनान के छह कलाकारों द्वारा प्रस्तुत बेली डांस ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

लेबनानी बेली डांस एक जीवंत और ऊर्जावान नृत्य शैली है, जिसमें एथलेटिक चालें, तेज गति के झुमके, किक, बैकबेंड, स्प्लिट्स और तुर्की ड्रॉप्स जैसे आकर्षक मूवमेंट्स शामिल होते हैं। यह नृत्य शैली न केवल बड़े स्थान का उपयोग करती है, बल्कि इसमें अन्य नृत्य शैलियों के तत्वों को भी शामिल किया जाता है।

इसके अलावा, 'धरोहर' कार्यक्रम के तहत 15 राज्यों के कलाकारों ने अपने पारंपरिक लोक और आदिवासी नृत्यों की प्रस्तुति दी, जिसने दर्शकों को अचंभित कर दिया। इन नृत्यों में ओडिशा का शंखध्वनि, राजस्थान का चकरी, उत्तराखंड का जौनसारी, उत्तर प्रदेश का फरवाही, महाराष्ट्र का लावणी और कोली, छत्तीसगढ़ का मुरिया और काकसर गिडी, कर्नाटक का कामसाले, आंध्र प्रदेश का बोनालू, तेलंगाना का दप्पू, हरियाणा का घूमर और फाग, अरुणाचल प्रदेश का मोर, त्रिपुरा का ममिता/मोसोक सुरमणि, जम्मू-कश्मीर का रऊफ और डोंगरी, तथा मध्य प्रदेश का मटकी, गदली, भगोरिया, बधाई और नौरता शामिल थे।

शिल्प मेले में देश के विभिन्न राज्यों के कारीगरों ने हथकरघा और हस्तशिल्प की विभिन्न वस्तुओं का प्रदर्शन किया। आंध्र प्रदेश के लकड़ी के हस्तशिल्प विशेष रूप से आकर्षण का केंद्र रहे। सागौन की लकड़ी से निर्मित भगवान गणेश और तिरुपति बालाजी की मूर्तियों की कीमत 6 लाख से 7 लाख रुपये आंकी गई है।

यह महोत्सव भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और कला का एक शानदार प्रदर्शन साबित हुआ है।

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