भारतीय लघु उद्यमियों को सफलता की राह दिखाएगी पुस्तक "बिग कंट्री, लिटिल बिज़नेस"

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 327

पुस्तक में लेखकों ने 100 से अधिक बिजनेस आईडिया, फंडिंग के विकल्प और लम्बे समय तक सफलतापूर्वक व्यवसाय को चलाने के तरीकों को साझा किया गया

पेंगुइन द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक के ऑथर श्री संतोष चौबे, डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी और डॉ. पल्लवी राव चतुर्वेदी हैं

29 जनवरी 2025। भारतीय लघु-उद्यमियों और छोटे व्यवसायों के लिए मार्गदर्शिका पुस्तक "बिग कंट्री, लिटिल बिज़नेस" का लोकार्पण बुधवार को किया गया। यह पुस्तक भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ बने छोटे व्यवसायों के सामने आने वाली चुनौतियों का गहन अध्ययन प्रस्तुत करती है। इसे प्रतिष्ठित लेखक, सामाजिक उद्यमी, शिक्षाविद एवं आईसेक्ट समूह के चेयरमैन संतोष चौबे, बिजनेस लीडर, शिक्षाविद एवं स्कोप ग्लोबल स्किल्स यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी और इंफ्लूएंसर, कोच, लेखिका, शिक्षाविद और आईसेक्ट की एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट डॉ. पल्लवी राव चतुर्वेद द्वारा संयुक्त रूप से लिखा गया है। आईसेक्ट की 40 साल की यात्रा के अनुभव एवं 40 उद्यमियों के सफलता सूत्रों को भी पिरोया गया है। पुस्तक में छोटे उद्यमों को सफलता की राह दिखाने के लिए व्यावहारिक सुझाव, रणनीतियां और 100 से अधिक बिज़नेस आइडियाज़ शामिल किए गए हैं।

पुस्तक लॉन्च के अवसर पर लेखकों ने अपने अनुभव और इस पुस्तक को लिखने के पीछे की प्रेरणा साझा की। कार्यक्रम की शुरुआत में अतिथियों का स्वागत किया गया जिसके बाद लेखकों ने पुस्तक के मुख्य बिंदुओं और उद्देश्यों पर विस्तार से चर्चा की।

इस अवसर पर संतोष चौबे ने कहा, “भारत में आज 90 प्रतिशत स्टार्टअप टियर 2 एवं टियर 3 शहरों से आ रहे हैं ऐसे में छोटे व्यवसायों को लेकर बहुत संभावनाएं हैं, लेकिन उनके सामने कई चुनौतियां भी हैं। हमने इस पुस्तक के माध्यम से उन्हें प्रेरित करने और एक ठोस दिशा प्रदान करने का प्रयास किया है। यह पुस्तक व्यापारियों के लिए एक गाइड है, जो न केवल उन्हें प्रेरणा देती है, बल्कि उनके व्यवसाय को सफल बनाने के व्यावहारिक तरीके भी सिखाती है।”

वहीं डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “वर्तमान समय में भारत में दुनिया तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है। यहां 1.6 लाख से अधिक रजिस्टर्ड स्टार्टअप हैं और 5 करोड़ 70 लाख सूक्ष्म उद्यम हैं। मध्यम और लघु उद्योग देश की जीडीपी में 29 प्रतिशत का योगदान देते हैं। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए हमने भारतीय संदर्भ में व्यापार शुरू करने की प्रक्रिया को समझाने पर जोर दिया है। हमारी कोशिश थी कि यह किताब व्यावसायिक संभावनाओं की एक विस्तृत तस्वीर पेश करे। डिजिटल युग में छोटे व्यवसायों को तकनीकी टूल्स का सही उपयोग करना आना चाहिए और हमने इसे सरल शब्दों में समझाने का प्रयास किया है।“

डॉ. पल्लवी राव चतुर्वेदी ने महिलाओं और युवाओं के लिए इस पुस्तक की प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा, “महिलाएं और युवा हमारे देश की अर्थव्यवस्था का भविष्य हैं। आज 73 हजार से अधिक उद्यम महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे हैं। हमने उनकी विशिष्ट जरूरतों और संघर्षों को समझते हुए इस पुस्तक में उनके लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए समाधान और बिज़नेस आइडियाज़ शामिल किए हैं। मेरा मानना है कि अगर उन्हें सही दिशा और अवसर मिलें, तो वे चमत्कार कर सकते हैं।“

"बिग कंट्री, लिटिल बिज़नेस" केवल एक किताब नहीं है, बल्कि यह उन लोगों के लिए मार्गदर्शिका है जो छोटे व्यवसायों को शुरू करने और उन्हें सफलता तक पहुंचाने की इच्छा रखते हैं। यह भारतीय संदर्भ में व्यापार की जमीनी हकीकत को समझते हुए उनके लिए विशेष समाधान प्रस्तुत करती है। कई सूक्ष्म-उद्यमों को शुरू करने में मदद करने वाले विशेषज्ञों द्वारा लिखित ‘बिग कंट्री, लिटिल बिज़नेस’ भारत के उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र के बारे में लेखकों की गहरी समझ का प्रतिबिंब है। यह पुस्तक देश के करोड़ो छोटे व्यवसायों को गतिशील दुनिया में न केवल जीवित रहने बल्कि फलने-फूलने के लिए एक मार्गदर्शिका है, खासकर ऐसे युग में जहाँ उद्यमशीलता की मानसिकता पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।

किताब के मुख्य विषय वस्तु में भारतीय लघु-उद्यमों के सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों पर गहन चर्चा, सीमित संसाधनों के साथ व्यापार करने की रणनीतियां, महिलाओं और युवाओं के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए बिज़नेस आइडियाज़, स्थानीय बाजार, उपभोक्ता व्यवहार और सांस्कृतिक विविधता को ध्यान में रखते हुए व्यापार रणनीतियां, डिजिटल युग में छोटे व्यवसायों के लिए तकनीकी टूल्स का उपयोग इत्यादि को शामिल किया गया है। इसके अतिरिक्त पुस्तक में नेटवर्किंग की अहमियत, फंडिंग के विकल्प, लम्बे समय तक सफलतापूर्वक व्यवसाय चलाने के तरीकों पर विस्तार से जानकारी दी गई है। इसके अलावा श्री पवन के. वर्मा, लेखक, राजनयिक और पूर्व संसद सदस्य (राज्यसभा), श्री आनंद कुमार, पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित और सुपर 30 के संस्थापक, श्री योगेश चंद्र मुंजाल, मुंजाल शोवा लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, श्री हरीश बिजूर, ब्रांड गुरु और संस्थापक, हरीश बिजूर कंसल्ट्स इंक. और श्री के. मंत्राला, जर्नल ऑफ रिटेलिंग के पूर्व प्रधान संपादक, अलेक्जेंडर वॉन हम्बोल्ट रिसर्च अवार्ड (बर्लिन) प्राप्तकर्ता और नेड डी. फ्लेमिंग, यूनिवर्सिटी ऑफ कैनसस स्कूल ऑफ बिजनेस, लॉरेंस, कैनसस में मार्केटिंग के प्रोफेसर द्वारा इस पुस्तक को विशेष रूप से सराहा गया है।

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