भोपाल के 'परी बाजार' में विंटेज फैशन शो ने दर्शकों का दिल जीता

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 799

18 जनवरी 2025। गौहर महल में शुक्रवार को आयोजित विंटेज फैशन शो ने भोपालवासियों को पुराने दौर की शाही झलकियों से रूबरू कराया। इस विशेष शो में मॉडल्स ने प्रिंसेस डायना और भोपाल की बेगमों के परिधानों से प्रेरित ड्रेस पहनकर रैंप वॉक किया।

फैशन डिजाइनर ताजवर खान द्वारा कोरियोग्राफ किए गए इस शो में 24 मॉडल्स ने तीन राउंड में भारतीय परंपरा और कला का प्रदर्शन किया। पहले दो राउंड विंटेज फैशन को समर्पित थे, जहां मॉडल्स ने इंडो-वेस्टर्न परिधानों के साथ रैंप पर जलवा बिखेरा।

तीसरे राउंड में गोंड कला की झलक देखने को मिली। मॉडल्स ने गोंड कला से प्रेरित आभूषणों को पहनकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस दौरान न्यूड ग्लैम मेकअप ने उनके लुक को और निखारा।

डिजाइनर ताजवर खान ने बताया, "मॉडल्स ने इस शो के लिए पिछले एक महीने तक कड़ी मेहनत की।" उन्होंने यह भी बताया कि शो की खासियत लाइव बैंड की मधुर धुनों पर आयोजित होना रही।


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राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने परी बाजार हेरिटेज फेस्टिवल की थीम गोंडी चित्रकला पर तैयार करने वाली पद्मश्री श्रीमती दुर्गाबाई को सम्मानित किया।


भोपाल की समृद्ध कला और संस्कृति पर चर्चा की गई
शाम को भविष्य की कल्पना सत्र में प्रो. सविता राजे, इतिहासकार पूजा सक्सेना, वास्तुकार प्रेरणा कोठारी और इतिहासकार सिकंदर ने भोपाल की संस्कृति पर अपने विचार साझा किए। सत्र का संचालन इंटीरियर डिजाइनर रवीशा मर्चेंट ने किया। सत्र में पूजा सक्सेना ने कहा- आज हम जिस परिसर में बैठे हैं, उसमें प्रदेश की गोंड कला की झलक भी दिखती है। गौहर महल के मेहराब गोंड कला से प्रभावित हैं। गोंड शासन के दौरान जब वल्लभाचार्य जी यहां आए तो उन्होंने कृष्ण मंदिर पर काफी काम किया। यही वजह है कि पुराने भोपाल के कृष्ण मंदिरों में हमें गोंड कला देखने को मिलती है। प्रो. सविता राजे ने कहा- जब हम भोपाल की बात करते हैं तो यह जरूरी है कि हम इसकी संस्कृति और भोपालीपन को बचाए रखें। यहां का जल प्रबंधन हमारी विरासत है।

फैशन शो के साथ, आत्मजा बैंड की प्रस्तुति ने भी दर्शकों का मन मोह लिया। रूपाली चटर्जी के निर्देशन में महिला बैंड ने 'मेरे साहिबा मैं तेरी हो मुंकिया...' जैसे गीत प्रस्तुत किए।

इसके अलावा, 'भविष्य की कल्पना' विषय पर चर्चा सत्र का आयोजन हुआ, जिसमें प्रोफेसर सविता राजे, इतिहासकार पूजा सक्सेना और प्रेरणा कोठारी ने विचार साझा किए।

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