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अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट का दावा, पुतिन ने यूएस चुनाव को प्रभावित करने के लिए चलाया था अभियान

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Place: वाशिंगटन                                                👤By: DD                                                                Views: 18663

अमेरिकी खुफिया समुदाय ने अपनी एक नयी रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने व्हाइट हाउस की दौड़ में जीत हासिल करने में डोनाल्ड ट्रंप की मदद करने के लिए और उनकी डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी हिलेरी क्लिंटन को बदनाम करने के लिए एक अभियान चलाने का आदेश दिया था. इसके पीछे का मूल उद्देश्य अमेरिकी लोकतांत्रिक प्रक्रिया में जनता के विश्वास को कमजोर करना था.



अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तुरंत ही इस निष्कर्ष को खारिज करते हुए कहा कि हैकिंग ने आठ नवंबर को हुये राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों को प्रभावित नहीं किया है.



क्‍या है अ‍मेरिकी खुफिया रिपोर्ट में



नेशनल इंटेलिजेंस के निदेशक ने एक रिपोर्ट में कहा, 'हमारा आकलन है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने वर्ष 2016 में अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने के लिए एक अभियान चलाने का आदेश दिया.' 31-पृष्ठ वाली इस रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि रूस का उद्देश्य अमेरिकी लोकतांत्रिक प्रक्रिया में जनता के विश्वास को कमजोर करना, राष्ट्रपति पद की डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन को बदनाम करना और उनके चुने जाने एवं राष्ट्रपति बन जाने की संभावना को नुकसान पहुंचाना था.



यूएस इंटेलिजेंस ने कहा, 'हमारा आगे का आकलन है कि पुतिन और रूसी सरकार ने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप को स्पष्ट रूप से प्राथमिकता दी थी. हमें इस आकलनों पर पूरा विश्वास है.' रिपोर्ट को गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के समक्ष प्रस्तुत किया गया. ओबामा ने रूस द्वारा डेमोक्रेटिक पार्टी की ईमेल प्रणाली को हैक करने संबंधी मामले की एक विस्तृत जांच का आदेश दिया था.



खुफिया विभाग ने ट्रंप को भी सौंपी रिपोर्ट

खुफिया अधिकारियों के एक दल ने रिपोर्ट के बारे में न्यूयॉर्क में ट्रंप और नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति माइक पेंस को सूचित किया. बैठक के बाद ट्रंप ने एक बयान में कहा, 'रूस, चीन, अन्य देश, बाहरी समूह और लोग डेमोक्रेट नेशनल कमिटी समेत हमारे सरकारी संस्थानों, कारोबारों और संगठनों के साइबर बुनियादी ढांचे को लगातार तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन चुनाव के परिणाम पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा है. इसमें यह तथ्य भी शामिल है कि वोटिंग मशीनों के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की गयी थी.' ट्रंप ने कहा 'रिपब्लिकन नेशनल कमिटी (आरएनसी) को हैक करने का प्रयास किया गया था लेकिन आरएनसी के पास हैकिंग से बचने की मजबूत सुरक्षा प्रणाली थी इसलिए हैकर विफल रहे.'



ट्रंप ने आगे की जांच का दिया भरोसा

उन्होंने कहा, 'मैं पद संभालने के 90 दिनों के अंदर इस पर एक योजना बनाने के लिए एक दल की नियुक्ति करुंगा। अमेरिका को सुरक्षित रखने के लिए हम जिन विधियों, उपकरणों और रणनीतियों का इस्तेमाल करते हैं उन पर सार्वजनिक तौर पर चर्चा नहीं होनी चाहिए क्योंकि ऐसा करने से हमें नुकसान पहुंचाने की चाहत रखने वालों को फायदा होगा. आज से दो सप्ताह बाद मैं अपने पद की शपथ लूंगा और अमेरिका की सुरक्षा और संरक्षण मेरी पहली प्राथमिकता होगी.'



ट्रंप ने कहा कि साइबर हमलों को रोकने के लिए आक्रामक तरीके से मुकाबला करने की जरुरत है. पेंस ने कहा कि ट्रंप ने इस बात को स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिका साइबर हमलों से निपटने के लिए और भविष्य में इस इस तरह के अतिक्रमण से अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए नये प्रशासन के शुरआती दिनों में आक्रामक कार्रवाई करने जा रहा है.

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