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साहब, मेरे पति और बेटे सुधर गए, अब नहीं चाहिए हमें भरण पोषण

Place: Bhopal                                                👤By: Admin                                                                Views: 17657

बुजुर्ग राजकुमारी बाई ने लिया जनसुनवाई का आवेदन वापस

एसडीएम साहब, आपकी समझाईश के बाद बदल गया मेरे बेटे का व्यवहार



आपसी गलतफ हमियों को दूर कर हर छोटे बड़े रिश्तों को टूटने से बचाया जा सकता है। चाहे व पति पत्नी, मां, बेटे, सास-बहू का ही क्यों न हो। यही मिसाल एसडीएम गोविंदपुरा मुकुल गुप्ता ने पेश की है। उन्होंने गणेश मंदिर छोला निवासी 60 वर्षीय राजकुमारी और उनके पति, बड़े बेटे, बहू के बीच चल रहे विवाद को दो-तीन पेशियों में दी गई समझाईश में ही खत्म करा दिया। उनकी समझाईश का असर इतना पड़ा कि पति ओमप्रकाश और बेटा जगदीश उर्फ भोला सैनी का हृदय परिवर्तन हो गया। गुरूवार को जब पेशी में जगदीश पहुंचा तो वह अपनी मां राजकुमारी के साथ हंसी-खुशी नजर आ रहा था। जब एसडीएम ने कोर्ट में सुनवाई शुरू की तो बुजुर्ग राजकुमारी कह उठी साहब, हमें नहीं चाहिए भरण पोषण, पति-बेटा अब दोनों ही सुधर गए हैं। अब तो दोनों के साथ ही घर में रहूंगी। यह कहते हुए प्रकरण समाप्त किए जाने का आवेदन भी एसडीएम को सौंपा। इस स्थिति को देख एसडीएम अवाक रह गए। बकौल एसडीएम मुकुल गुप्ता, मां-बेटे के बीच प्रेम देखकर लगा कि कभी इनके बीच में विवाद ही नहीं हुआ है। दोनों राजी खुशी अपने घर चले गए।



इनका कहना है -

बुजुर्ग राजकुमारी ने पति-बेटे से भरण पोषण दिलाए जाने संबंधी आवेदन वापस ले लिया है। राजकुमारी का कहना है कि उनका बेटा सुधर गया है। इस वजह से प्रकरण को खारिज कर दिया गया है।

- मुकुल गुप्ता, एसडीएम गोविंदपुरा वृत्त



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