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सहकारिता ऑडिटर डीके गुप्ता निलंबित, विभागीय जांच शुरू

Place: Bhopal                                                👤By: PDD                                                                Views: 18199

15 मई 2017, भोपाल नागरिक सहकारी बैंक जहां बंद होने की कागार पर खड़ा है, वहीं बैंक के कुछ अधिकारी इसे खत्म करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। बैंक की हालत ये है कि बैंक के एक आडिटर ने ऐसे कर्जदाताओं का ब्याज माफ कर दिया जो बैंक के नियमों में ही नहीं आता है। अब गड़बड़ी सामने आने पर उपायुक्त सहकारिता ने ऑडिटर डीके गुप्ता को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर उसकी विभागीय जांच शुरू कर दी है।





ब्याज माफी का नियम नहीं, नियमों को ताक पर रख किया काम

1613 लोगों को 8.46 करोड़ बांट दिया कर्ज, वसूली कर पाए मात्र 1.19 करोड़





नामों का खुलासा करने से बच रहे अधिकारी

बैंक के आडिटर द्वारा लगभग एक दर्जन से अधिक कर्जदारों के ब्याज माफ किया गया है। जिन कर्जदाताओं के ब्याज माफ किए गए हैं उनमें लगभग दो ऐसे कर्जदार हैं जो नेता के रिश्तेदार हैं। हालांकि अधिकारी इनके नामों का खुलासा करनेसे बच रहे हैं।

सूत्रों की मानें तो गुप्ता ने कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए मूल राशि ही जमा करा ली और ब्याज माफ कर दिया। इसके अतिरिक्त गुप्ता ने अन्य गड़बडिय़ां भी की है। उन्होंने ऐसे लोगों को लोन बांटने में मदद की, जिनके लौटाने तक की स्थिति नहीं थी, उसके बाद भी उनके लोन को पास करने में पूरी मदद की।



ये है पूरा मामला -

भोपाल नागरिक बैंक की तीन शाखाओं द्वारा 1613 लोगों को 8.46 करोड़ का कर्ज बांटा गया है। यह कर्ज वर्तमान में नहीं बल्कि पिछले एक दशक से पूर्व बांटा गया था। इसमें से 7.82 करोड़ के कर्ज की किस्तें पिछले कई साल से जमा नहीं हुई है। वर्तमान में लोन की राशि मय ब्याज सहित बढ़कर 10 करोड़ से उपर पहुंच गई है। इस कर्ज की वसूली के लिए विभाग अभी भी जद्दोजेहद कर रहा है। अब तक मात्र 1.19 करोड़ रुपए की वसूली ही हो सकी है। अब विभाग 11 संपत्तियों की कुर्की करने जा रहा है।



इनका कहना है -

कर्जदारों का ब्याज माफ करने के चलते ऑडिटर को सस्पेंड किया गया है।

- अखिलेश चौहान, सहायक आयुक्त, सहकारिता विभाग

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