एसोचैम ने फूड प्रोसेसिंग विषय पर आयोजित किया एक दिवसीय शिखर सम्मेलन

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Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 18119

26 मई 2017, मध्यप्रदेश सरकार प्रदेश में फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र को बढ़ावा देने गंभीर प्रयास कर रही है। प्रदेश में उत्पादित फलों, सब्जियों और खाद्यान्नों के उचित भण्डारण के लिए कोल्ड स्टोरेज खोले जाने के लिए 350 करोड़ रूपए की राशि आवंटित की जा चुकी है। साथ ही इन्हें खोलने के लिए प्रोत्साहन देने 25 फीसदी सब्सिडी का प्रावधान भी किया गया है। कृषि के मामले में देश में अव्वल होने तथा फलों व सब्जियों में अग्रणी होने के चलते मध्यप्रदेश में फूड प्रोसेसिंग उद्योगों की स्थापना के लिए बहुत अनुकूल वातावरण है।



उक्त बात आज प्रदेश के कृषि एवं बागवानी मंत्री सूर्यप्रकाश मीणा ने होटल कोर्टयार्ड बाय मैरियट में एसोसिएटेड चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज -एसोचैम- द्वारा आयोजित कृषि एवं खाद्यान्न शिखर सम्मेलन: तकनीक, निवेश एवं अधोसंरचना को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कही। इस अवसर पर उन्होंने एसोचैम द्वारा मध्यप्रदेश के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र पर प्रकाशित एक स्मारिका का विमोचन भी किया।



एसोचैम पश्चिमी क्षेत्र की खाद्य प्रसंस्करण व लघु एवं मध्यम उद्यम इकाई के अध्यक्ष श्री धवल रावल, केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल के निदेशक डॉ. केके सिंह, कृषि एवं वानिकी विभाग के संचालक श्री सत्यानंद सहित विभिन्न आमंत्रित विशेषज्ञों ने इस दौरान अपने विचार रखे। इस सम्मेलन में राज्य एवं केन्द्र सरकार के विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारियों सहित खाद्य प्रसंस्करण कंपनियों, बैंकों व वित्तीय संस्थानों, मशीनरी निर्माण व तकनीक से जुड़े संस्थानों तथा शोध एवं अनुसंधान से जुड़े संस्थानों के अधिकारियों ने भाग लिया।



अधिकांश वक्ताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि ज्यादा बेहतर अधोसंरचना, भण्डारण सुविधा, परिवहन, राज्य सरकार द्वारा खाद्यान्नों की उचित कीमत पर खरीद तथा विपणन सुविधाओं में इजाफा कर न केवल किसानों बल्कि खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों को बढ़ावा दिया जा सकता है।



श्री धवल रावल ने अपने स्वागत भाषण में बताया कि इस सम्मेलन का उद्देश्य मध्यप्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करना तथा इस क्षेत्र में निवेश, तकनीक और अधोसंरचना संबंधी विषयों पर चर्चा कर इस क्षेत्र की बेहतरी के लिए मंथन करना है। साथ ही उन्होंने इस दिशा में एसोचैम द्वारा मध्यप्रदेश सहित पश्चिम क्षेत्र के अन्य राज्यों में किये जा रहे प्रयासों की जानकारी भी प्रदान की।



डॉ. केके सिंह ने अपने उद्बोधन में मध्यप्रदेश में खाद्यान्न उत्पादन के इतिहास और वर्तमान परिदृश्य पर चर्चा करते हुए कहा कि रिकार्ड उत्पादन के बावजूद हम अपने अनाज व अन्य खाद्यान्नों का सही इस्तेमाल फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में नहीं कर पा रहे है। साथ ही उन्होंने विश्व में फूड प्रोसेसिंग उद्योग की स्थिति और भारत से उसकी तुलना करते हुए कहा कि हम चीन, अमेरिका और फिलीपीन्स आदि देशों से अभी बहुत पीछे हैं। इस दिशा में ध्यान देकर न सिर्फ अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा सकता है बल्कि किसानों व उत्पादकों की स्थिति को बेहतर करने के साथ साथ लाखों की संख्या में लोगों को रोजगार दिया जा सकता है।



मध्यप्रदेश कोल्ड चेन एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री हसमुख जैन ने कहा कि प्रदेश सरकार को टमाटर, प्याज, लहसुन और आलू उत्पादकों की समस्याओं पर ध्यान देना होगा। ये सभी अधिक उत्पादन के चलते घाटा उठाने और अपने उत्पादों को सड़क पर फेकने के लिए मजबूर हैं। इन उत्पादों के भण्डारण की उचित व्यवस्था कर उन उत्पादों को खराब होने से बचाया जा सकता है तथा किसानों को इनका वाजिब दाम भी दिलाया जा सकता है।



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