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मां के दूध का कोई विकल्प नहीं

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Place: Bhopal                                                👤By: प्रतिवाद                                                                Views: 18051

जन्म के आधे घंटे बाद ही बच्चे को ब्रेस्ट फीडिंग कराना अनिवार्य

कार्यशाला में पढ़ी गई मंत्री अर्चना चिटनिस का पाती



5 अगस्त 2017। राजधानी भोपाल सहित पूरे प्रदेश में वल्र्ड ब्रेस्ट फीडिंग सप्ताह मनाया जा रहा है। शुक्रवार को जिला पंचायत कार्यालय में महिला एवं बाल विकास विभाग के ब्रेस्ड फीडिंग पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. शीला भम्मल ने कहा कि मां का दूध अमृत के समान है, इसका कोई विकल्प नहीं है। इसके बावजूद भी इसका पालन नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि बच्चे के जन्म के तीन दिनों तक मां के स्तन से जो दूध निकलता है, वह पीला और गाढ़ा होता है। ये दूध बच्चे को किसी भी बीमारी से लडऩे की ताकत देता है।



85 फीसदी डिलेवरी हो रही अस्पतालों में

शिशु रोग विशेषज्ञ ने कहा कि भोपाल जिले में ही 85 फीसदी डिलेवरी अस्पतालों में हो रही है। इनमें से मात्र 30 फीसदी बच्चों को ही मां का दूध पीने को मिल रहा है। सरकारी व निजी अस्पतालों व नर्सिंग होम में पदस्थ डॉक्टर व नर्सिंग स्टॉफ भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। आज भी समाज में ढेरों ऐसी कुरीतियां हैं, जिसकी वजह से भी नवजात बच्चे को तत्काल ब्रेस्ट फीडिंग कराने नहीं दिया जाता है। इन कुरीतियों को मिटाकर समाज को जागरूक करना होगा। सीएमएचओ ने कहा कि निजी अस्पतालों में ब्रेस्ट फीडिंग के प्रति जागरूकता को बढ़ाया जाएगा। इसके लिए कड़े कदम भी उठाए जाएंगे। कार्यशाला दो सेशन में चली। पहले सेशन में पांच कॉलेज की छात्राओं को ब्रेस्ट फीडिंग क्यों आवश्यक है इसके संबंध में जानकारी दी गई, वहीं दूसरे सेशन तकनीकी बातों को लेकर था। इसमें बेस्ट फीडिंग की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की गई।





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