20 अगस्त 2017। मेरे एक हाथ में स्लेट था और एक हाथ में प्लेट। मैंने स्कूल में मिलने वाले मध्यान्ह भोजन को खाकर अपना काम चलाया। चूंकि मेरे पास 2 रूपए नहीं थे इसलिए मुझे कक्षा 11 के विद्यार्थियों के ग्रुप फोटो में नहीं रखा गया। असफल होने का सबसे बड़ा कारण हमारे भीतर छिपा हुआ डर होता है। सफल होने के लिए आपको डर पर जीत पानी होगी। लेकिन बिना नॉलिज और अनुभव के कोई रिस्क न लें। कम्फर्ट जोन यानि डेंजर जोन।
उक्त बात आज शून्य से 4 हजार करोड़ रूपए कीमत की कंपनी खड़ी करने वाले देश के जाने माने बिजनेस लीडर थायरोकेयर कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ़.ए वेलुमनी ने कही। वे सीआईआई यंग इंडियन्स एवं इंडियन वीमन नेटवर्क द्वारा एप्को परिसर में शहर के युवा उद्यमियों के लिए आयोजित मोटीवेशनल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। सीआईआई यंग इंडियन्स, भोपाल चैप्टर के अध्यक्ष हितेश आहूजा, इंडियन वीमन नेटवर्क की अध्यक्षा रवीशा मर्चेंट तथा सौरभ शर्मा ने इस कार्यक्रम की रूपरेखा रखी।
उन्होंने कहा कि वे भी अमिताभ बच्चन, धीरूभाई अंबानी और शाहरूख खान की तरह अपनी आंखों में सपने लेकर मुंबई आया था। इसके पूर्व वे तमिलनाडु में एक फार्मा कंपनी में 200 रूपए महीने से नौकरी करते थे जो बाद में बंद हो गई थी। मुंबई में कुछ वर्षों तक भाभा एटामिक रिसर्च सेंटर में बतौर साइंटिस्ट नौकरी करने के बाद मैंने खुद की कंपनी आरंभ करने का जोखिम लिया। उनकी इस कंपनी में आज 1000 से ज्यादा कर्मचारी और 1200 फ्रेंचाइजी भारत सहित विभिन्न देशों में काम कर रहे हैं।
अपनी सफलता के सीक्रेट बताते हुए उन्होंने कहा कि आप अपने जीवन में जितनी बार रीसेट बटन दबाएंगे आप उतने उपर जाएंगे। मैं एक मैथेमेटिशियन हूं और हमेशा अपने टर्नओवर में एक जीरो जोड़ता चलता हूं। एक कारोबारी के नाते में हमेशा अपने लक्ष्य पर फोकस रखता हूं, नई चीजें सीखता हूं और अपने काम को एंजाय करता हूं। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति में कोई न कोई हुनर होता है जिसे पहचानने और उसका इस्तेमाल करने की जरूरत होती है।
डॉ़. वेलुमनी ने कहा कि अगर आपको सफल होना है तो वह मत करो जो पड़ोसी कर रहा है। लक्ष्य पर फोकस करें, काम को टालें नहीं, रिस्क लें, कम्युनिकेशन स्किल बेहतर करें, टेक्नालॉजी का इस्तेमाल करें, खर्चों पर नियंत्रण रखें, लंबे घंटों तक काम करने की आदत डालें, अनुशासित रहें तथा अगर आपको मिलियन डॉलर कंपनी बनना है तो आपको बिलियन डॉलर खर्च करने के लिए तैयार रहना होगा। आपको अपना काम अगर अच्छी तरह आता है और आप लंबे समय तक पूरी क्षमता से इसे कर सकते हैं तो यह जान लीजिए कि आपको कोई नहीं हरा सकता है। ट्रस्ट, ट्रूथ एण्ड ट्रांसपेरेंसी तीन शब्दों की गठान बांध लें। ये तीन शब्द आपको न केवल कारोबारी दुनिया बल्कि अपने परिवार व समाज में भी सफलता दिलाएंगे।
सफल होना है तो वह मत करो जो पड़ोसी कर रहा है: डॉ. वेलुमनी
Place:
Bhopal 👤By: प्रतिवाद Views: 18047
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