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अमिताभ बच्चन को मिलेगा भोपाल के मास्टर प्लान में बदलाव से फायदा

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Place: Bhopal                                                👤By: PDD                                                                Views: 18191

22 सितंबर 2017। मशहूर अभिनेता अमिताभ बच्चन को भोपाल के मास्टर प्लान में बदलाव से फायदा होगा। उनकी धर्मपत्नी श्रीमती जया बच्चन जोकि राज्यसभा की सदस्य भी हैं, के नाम से राजधानी भोपाल की हुजूर तहसील के ग्राम सेवनिया गौड में पांच एकड़ कृषि भूमि है तथा इस पर अब फार्म हाऊस काटे जा सकेंगे।



ज्ञातव्य है कि राज्य सरकार ने भोपाल विकास योजना 2005 में उपांतरणों की सूचना जारी कर दी है तथा ये उपांतरण 6 अक्टूबर के बाद प्रभावशील हो जायेंगे। इनमें वन आवास फार्म हाऊस का प्रावधान किया गया है जिसके बारे में कहा गया है कि वन आवास के नियमन मप्र भूमि विकास नियम 2012 के नियम 17 के अनुरुप होंगे। नियम 17 में कहा गया है कि फार्म हाऊस एक एकड़ का हो सकेगा तथा इसकी अधिकतम ऊंचाई साढ़े सात मीटर हो सकेगी और फार्म हाऊस पर न्यूनतम सौ जीवित वृक्ष प्रति हैक्टेयर होंगे।



दरअसल अमिताभ बच्चन की धर्मपत्नी के स्वामित्व वाली भोपाल की उक्त पांच एकड़ भूमि में छोटे झाड़ के जंगल हैं। इसे वर्ष 2010 में क्रय किया गया था तथा इसकी वर्तमान में कीमत करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये है। चूंकि भूमि विकास नियमों में कहीं भी वन आवास का उल्लेख नहीं है इसलिये भोपाल विकास योजना में उपांतरण में वन आवास का जिक्र किया गया है जिससे इन छोटे झाड़ के जंगल में भी फार्म हाऊस बनाये जा सकें।



यह भी मिलेगा लाभ :

सिने अभिनेता अमिताभ बच्चन के अलावा उन निजी कृषि भूमि स्वामियों को भी एक नया लाभ कृषि पर्यटन सुविधा का मिलेगा जिनकी जमीनें भोपाल शहर से सटी हैं। उपांतरण में प्रावधान किया गया है कि भोपाल विकास उपांतरण में कृषि पर्यटन सुविधा के अंतर्गत न्यूनतम एक हैक्टेयर भूमि में निजी कृषि भूमि स्वामी कृषि फार्म, फूलोद्याल, फलोद्वान, मधुमक्खी पालन, पशुपालन, मछली पालन, सेरीकल्चर, कैंपिंग सुविधायें, कला प्रदर्शनी के लिये हाल, पर्यटकों के लिये काटेज, रेस्टोरेंट, योगा हाल, प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र, खेल सुविधा, गिम्ट शाम, रखरखाव के लिये कर्मचारी आवास, स्वीमिंग पूल और केवन निवासरत पर्यटकों के मनोरंजन हेतु ओपन थियेटर खोल सकेंगे।



वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि वन आवास जैसा शब्द हमारे कायदे-कानूनों में नहीं है। शहरों में छोटे झाड़ के जंगल वाली भूमि राजस्व विभाग के अंतर्गत होती है तथा इस पर निजी स्वामित्व भी हो सकता है।



जबकि टाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग के भोपाल स्थित एक अधिकारी ने बताया कि भूमि विकास नियम 2012 के नियम 17 में कृषि फार्म का प्रावधान है जिसे भोपाल विकास योजना के उपांतरण में शामिल किया गया है।







- डॉ नवीन जोशी







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