
वेतन-भत्तों और स्थापना व्यय के प्रावधान पर विशेष ध्यान दिया जायेगा
24 अक्टूबर 2017। अगले वित्तीय वर्ष 2018-19 का आम बजट इस बार जल्दी तैयार होगा। वित्त विभाग ने इसे बनाने की डेट लाईन जारी कर दी है। आम बजट पर मंत्रियों, विधायकों एवं शासकीय सेवकों के वेतन-भत्तों तथा स्थापना व्ययों के प्रावधान पर विशेष ध्यान दिया जायेगा पिछले साल वर्ष 2016 में वित्त वर्ष 2017-18 के आम बजट की तैयारी 10 दिसम्बर से प्रारंभ हुई थी और 31 जनवरी 2017 तक समाप्त हुई थी। परन्तु इस बार वित्त वर्ष 2018-19 के आम बजट की तैयारी जल्दी हो रही है तथा 1 नवम्बर से यह कार्य प्रारंभ होकर 25 जनवरी 2018 तक चलेगा। ऐसा भारत सरकार के नीति आयोग की सिफारिशों पर किया जा रहा है जिसने कहा हुआ है कि सालाना आम बजट जल्द पारित किया जाये जिससे विकास और राहत कार्यों के लिये समय पर धनराशि उपलब्ध हो सके।
राज्य के वित्त विभाग ने सभी विभागों से कहा है कि प्रथम चरण में अनिवार्य स्वरुप के व्यय जिनमें स्थापना एवं अन्य अनिवार्य व्यय (ब्याज भुगतान, ऋण वापसी, पेंशन, पेंशन अंशदान, एन्युटी भुगतान, अंतर लेखांतरण समायोजन, डिक्री धन, कर, रायल्टी भुगतान, मंत्रियों, विधायकों एवं शासकीय सेवकों के वेतन-भत्ते) इत्यादि पर सभी विभागों के अधिकारियों से 10 नवम्बर से 30 नवम्बर तक चर्चा की जायेगी। इसके बाद अन्य व्यय प्रावधानों पर 15 दिसम्बर से 10 जनवरी तक चर्चा होगी।
वित्त विभाग ने अनिवार्य स्वरुप के व्ययों के बारे में सभी विभागों से स्पष्ट रुप से कहा है कि वे इसका सही आकलन करें क्योंकि पिछली बार सही आंकलन न किये जाने से वेतन मद तक में अतिरिक्त राशि की आवश्यक्ता उत्पन्न हो गई थी। विभागों के बजट नियंत्रण अधिकारी एवं विभागाध्यक्ष तथा वित्तीय सलाहकारों पर जिम्मेदारी डाली गई है कि वे अनिवार्य स्वरुप के व्ययों का सटीक आंकलन करें।
पूरक बजट भी तैयार होंगे :
वित्त विभाग द्वारा जारी आम बजट बनाने की डेट लाईन में वर्तमान वित्त वर्ष 2017-18 के दूसरे एवं तीसरे पूरक बजट की भी तैयारी का कार्यक्रेम डाला गया है। दूसरे पूरक बजट के प्रस्ताव सभी विभागों को 6 नवम्बर 2017 तक भेजने हैं जबकि तीसरे पूरक बजट के प्रस्ताव भेजने की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2018 नियत की गई है।
- डॉ नवीन जोशी