
13 अप्रैल 2025। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रविवार को भोपाल में 'श्वेत क्रांति 2.0' का शुभारंभ करते हुए मध्यप्रदेश में कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में अपार संभावनाओं पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में विकास की अपार संभावनाएं हैं, जिनका सही तरीके से उपयोग किया जाना चाहिए।
रवींद्र भवन में आयोजित राष्ट्रीय सहकारिता सम्मेलन में अमित शाह ने कहा, "मध्यप्रदेश में कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। हमें अपनी क्षमताओं का पूर्ण उपयोग करने के लिए और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है।"
उन्होंने सहकारी समितियों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि सहकारिता आज भी राज्य का विषय है, और केंद्र सरकार इसमें कोई बदलाव नहीं कर सकती है। हालांकि, केंद्र सरकार कराधान को पुनर्जीवित करने, डेयरी क्षेत्र को बढ़ावा देने, उत्पादन में सहकारी समितियों के विस्तार और शहरी सहकारी बैंकों, जिला सहकारी बैंकों और ग्रामीण बैंकों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री यादव ने किसानों के जीवन में सुधार का वादा किया
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार किसानों से गाय का दूध खरीदेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि किसानों के जीवन में सुधार हो।
सहकारिता के माध्यम से बड़ी संभावनाओं का क्षेत्र खुला है, इसके माध्यम से लोगों को अनेक योजनाओं का लाभ मिल रहा है : CM@DrMohanYadav51 #CMMadhyaPradesh #MadhyaPradesh #सहकारिता_से_समृद्ध_MP pic.twitter.com/HeVFXtwSXv
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) April 13, 2025
एनडीडीबी और एमपी स्टेट डेयरी फेडरेशन के बीच समझौता ज्ञापन
कार्यक्रम के दौरान, मध्यप्रदेश राज्य सहकारी डेयरी फेडरेशन और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इसके अतिरिक्त, एनडीडीबी और राज्य के छह क्षेत्रीय दूध संघों के बीच भी छह अलग-अलग समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए।
एनडीडीबी ने एमपी डेयरी फेडरेशन की जिम्मेदारी ली
एनडीडीबी के अध्यक्ष मीनेश शाह ने कहा कि डेयरी फेडरेशन की जिम्मेदारी एनडीडीबी को सौंपी जा रही है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश केंद्र सरकार की 'श्वेत क्रांति 2.0' के लिए एक महत्वपूर्ण राज्य है।
इस योजना के तहत, सहकारी समितियों द्वारा दूध संग्रह को 12 लाख लीटर से बढ़ाकर 24 लाख लीटर प्रतिदिन, राज्य में डेयरी संयंत्रों की क्षमता को 18 लाख लीटर से बढ़ाकर 30 लाख लीटर प्रतिदिन करने और पशु प्रजनन, पोषण और स्वास्थ्य सेवा में उत्पादकता को बढ़ावा देने के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। इसके अलावा, इस पहल से बायोगैस उत्पादन, गोबर प्रबंधन और जैविक खेती को भी बढ़ावा मिलेगा।
सांची का नाम नहीं बदलेगा
पशुपालन और डेयरी विकास मंत्री लखन पटेल ने स्पष्ट किया कि 'सांची' का नाम नहीं बदला जाएगा, और यह समझौता पांच साल के लिए वैध रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सांची के कर्मचारियों को नहीं बदला जाएगा और समझौते का उद्देश्य किसानों की आय को दोगुना करना है।
वर्तमान में, लगभग 2.5 लाख किसानों से प्रतिदिन 10 लाख लीटर दूध एकत्र किया जा रहा है। एनडीडीबी के साथ समझौता ज्ञापन के बाद, सहकारी समितियों की संख्या 6 हजार से बढ़कर 9 हजार हो जाएगी, और दूध संग्रह को 20 लाख लीटर प्रतिदिन तक बढ़ाया जाएगा। इस परियोजना के लिए 1,447 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।