बसपा ने कहा एमपी सेशन पूरे समय चले और वेल में जाने का अधिकार हो
15 जनवरी 2018। राजस्थान के उदयपुर में गत 8 एवं 9 जनवरी को आयोजित 18 वी आल इण्डिया व्हीप कान्फे्रन्स में मप्र विधानसभा से सिर्फ बसपा के तीन विधायक पहुंचे और सत्तारुढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के विधायक नदारत रहे। बसपा विधायकों ने इस कान्फ्रेन्स में मांग की कि मप्र विधानसभा का सत्र जितनी अवधि के लिये बुलाया जाता है उतनी अवधि तक ही चले और समय से पूर्व खत्म न हो। इसके अलावा विपक्षी विधायकों को वेल यानि सदन के गर्भगृह में जाकर विराकध प्रदर्शन करने का अधिकार भी मिले।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार का संसदीय कार्य विभाग हर साल व्हीप कान्फ्रेन्स आयोजित करता है। इस बार केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने राजस्थान के उदयपुर में इसका आयोजन किया था। इसमें देश के सभी राज्यों की विधानसभाओं के दलीय नेता एवं व्हीप यानि सचेतक एवं सह सचेतक आमंत्रित किये जाते हैं। इस बार इस कान्फ्रेन्स में मप्र विधानसभा से सिर्फ बसपा विधायक दल के नेता सत्यप्रकाश सखवार विधायक अम्बाह जिला मुरैना, सचेतक श्रीमती ऊषा चौधरी विधायक रैगांव जिला सतना तथा सह सचेतक श्रीमती शीला त्यागी विधायक मनगवां जिला रीवा ही पहुंची थीं। सत्तारुढ़ भाजपा के संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा व राज्य मंत्री शरद जैन और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के विधायकद्वय मुख्य सचेतक रामनिवास रावत एवं सह सचेतक कुंवर विक्रम सिंह इस कान्फ्रेन्स में नहीं गये।
बसपा विधायक दल के नेता सत्यप्रकाश सखवार ने बताया कि उन्होंने इस कान्फ्रेन्स में अपनी बात यह रखी है कि नौकरशाही पर लगाम नहीं होने सये वह विधायकों एवं सांसदों की बात नहीं सुनती है। विधानसभा में उठाये गये सवालों का सही जवाब पेश नहीं किया जाता है। क्षेत्र की समस्याओं को याचिका के माध्यम से विधानसभा में रखना होती है तथा याचिका शब्द एक प्रकार की भीख मांगना जैसा है और इस पर प्रभावी कार्यवाही भी नहीं होती है। सदन से बहिर्गमन करना और सदन के गर्भगृह में जाकर विरोध प्रदर्शन करना विपक्षी विधायकों का विपशेषाधिकार होता है जिसे खत्म नहीं किया जाना चाहिये।
बसपा विधायक श्रीमती ऊषा चौधरी ने कान्फ्रेन्स में विषय उठाया कि विधानसभा सत्र जल्द खत्म नहीं किया जाना चाहिये तथा जितने समय के लिये इसे बुलाया जाता है उतना चलना चाहिये और समय से पूर्व खत्म नहीं होना चाहिये। बिना विपक्ष के सदन नहीं चलाना चाहिये। विपक्ष जनहित के मुद्दे रखने के लिये सदन से बाहर चला जाता है परन्तु इसका मतलब यह नहीं कि सत्र ही समयपूर्व खत्म कर दिया जाये। इससे विपक्षी विधायकों की क्षेत्र की समस्याओं का हल नहीं हो पाता है। श्रीमती चौधरी ने कहा कि उन्होंने गोवा में आयोजित सोलहवीं कान्फ्रेन्स एवं विशाखपट्टनम में आयोजित सत्रहवीं कान्फ्रेन्स में भी भाग लिया था।
विधानसभा सचिवालय के एक अधिकारी ने बताया कि व्हीप कान्फ्रेन्स केंद्रीय संसदीय कार्य विभाग आयोजित करता है तथा राज्य के संसदीय कार्य विभाग के माध्यम से ही विधानसभा के सचेतक एवं सह सचेतक इसमें भाग लेते हैं। विधानसभा सचिवालय सिर्फ उनके भत्तों आदि का भुगतान करता है। कान्फ्रेन्स में जाने या न जाने का अधिकार संबंधित सचेतक या सह सचेतक का होता है।
- डॉ नवीन जोशी
व्हीप कान्फेंन्स में सिर्फ बसपा पहुंची, भाजपा-कांग्रेस रही नदारत
Place:
Bhopal 👤By: Admin Views: 1674
Related News
Latest News
- भारत-रूस ने सैन्य अभ्यास और रक्षा सहयोग बढ़ाने पर जताई सहमति
- ‘कला के लिए कोई बंधन नहीं होता, उसकी कोई सीमा नहीं होती; आप बस इससे जुड़ते हैं’- फिल्मकार मधुर भंडारकर
- छत्तीसगढ़ में 147 करोड़ रूपए की लागत से बनेगी चित्रोत्पला फिल्म सिटी : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
- भारतीय तकनीकी और जर्मन विशेषज्ञता का समागम: औद्योगिक विकास की नई क्रांति - मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
- "अबराज उमर": मक्का के दिल में बसा शांति और आध्यात्मिकता का एक मिश्रण
- ‘अज्ञानी, अहंकारी’ अमेरिकियों ने ट्रंप को चुना - हॉलीवुड स्टार