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अब एनजीओ को आनलाईन मान्यता व शासकीय अनुदान मिलेगा

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Place: Bhopal                                                👤By: Admin                                                                Views: 2606

23 जनवरी 2018। राज्य सरकार के सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजल कल्याण विभाग के अंतर्गत निराश्रित एवं निर्धन व्यक्तियों के लिये समाज हितैषि, विभिन्न सामाजिक, शैक्षणिक एवं पुनर्वास योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु अशासकीय संस्थाओं यानि एनजीओ को आनलाईन मान्यता एवं अनुदान दिया जायेगा। इसके लिये राज्य सरकार ने समाज कल्याण के क्षेत्र में कार्यरत अशासकीय संस्थाओं को विभागीय मान्यता एवं अनुदान हेतु संशोधित नियम जारी कर दिये हैं।



नये नियमों में स्पष्ट किया गया है कि बिना मान्यता के एनजीओ शासकीय अनुदान के पात्र नहीं होंगे तथा यह भी आवश्यक नहीं होगा कि जिन एनजीओ को मान्यता दी जाये उन्हें अनुदान दिया ही जाये। नवीन प्रावधानों के अनुसार, आनलाईन मान्यता हेतु आवेदन किये जाने पर एनजीओ के निरीक्षण एवं परीक्षण के लिये जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति गठित होगी। इस समिति को अपनी अनुशंसा आनलाईन एवं हार्ड कापी सहित संचालनालय को भेजनी होगी। सिर्फ वे ही एनजीओ मान्यता हेतु आवेदन कर सकेंगे जो सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 या लोक न्यास पंजीकरण एक्ट 1951 या मप्र सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1973 या कंपनी अधिनियम 1958 के अंतर्गत लाईसेंस प्राप्त धर्मार्थ संस्थायें हैं।



नये नियमों के अनुसार, मान्यता सिर्फ एक जिले के लिये दी जायेगी। नशामुक्ति केंद्र संचालन के लिये नर्सिंग एक्ट के अंतर्गत संस्था का पंजीबध्द होना जरुरी होगा। एनजीओ जिला कार्यालय में आनलाईन आवेदन देंगी।



आवेदन-पत्र प्राप्त होने के बाद संबंधित जिला अधिकारी एक सप्ताह के भीतर संस्था का निरीक्षण कर, निरीक्षण प्रतिवेदन कलेक्टर को प्रस्तुत करेगा। कलेक्टर अनुशंसा सहित प्रकरण पन्द्रह दिन के अंदर संचालनालय को आनलाईन भेजेंगे। यदि कलेक्टर पन्द्रह कार्य दिवस में प्रकरण संचालनालय को नहीं भेजते हैं तथा प्रकरण स्वमेव संचालनालय को फारवर्ड हो जायेगा और बिना कलेक्टर की अनुशंसा के उस पर संचालनालय विचार करेगा। संचालनालय सात दिनों के अंदर पांच वर्ष की मान्यता देने पर विचार करेगा।



यदि पांच वर्ष में एनजीओ अच्छा काम करती है तो उसे पुन: दस वर्ष के लिये नवीनीकरण प्रदान किया जायेगा।



विभागीय मान्यता हेतु पंजीयन शुल्क एक हजार रुपये होगा जबकि नवीनीकरण शुल्क 500 रुपये होगा। मान्यता के बाद संस्था द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधायें समाज के सभी वर्ग के लिये होना जरुरी होगी न कि जाति,भाषा व धर्म के आधार पर।

विभागीय अधिकारी ने बताया कि अशासकीय संस्थाओं को आनलाईन मान्यता एवं अनुदान के लिये नये नियम बनाये गये हैं। अब इनके अनुसार ही एनजीओ को मान्यता एवं अनुदान दिया जायेगा।



- डॉ नवीन जोशी

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