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बढ़ रही है बौद्धिक सम्पदा अधिकारों के प्रति परिपक्वता व समझ: विशेषज्ञ

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Place: Bhopal                                                👤By: Admin                                                                Views: 5296

बौद्धिक संपदा अधिकार पर कार्यशाला संपन्न

25 जनवरी 2018। हमारे देश में पारंपरिक ज्ञान का भण्डार है लेकिन ज्यादातर लोगों को पेटेंट कानून की जानकारी न होने से इस ज्ञान को दूसरे लोग कानूनन तरीके से अपने नाम कर रहे हैं। अच्छी बात यह है कि वैश्वीकरण व प्रतिस्पर्धा के चलते बीते वर्षों में बौद्धिक सम्पदा अधिकारों के प्रति परिपक्वता व समझ में सकारात्मक इजाफा हुआ है।



उक्त बात आज होटल लेक व्यू अशोक में पीएचडी चैम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा बौद्धिक संपदा अधिकार प्रबंधन पर विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में विशेषज्ञों ने कही। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों एवं स्टार्ट अप्स के लिए आयोजित इस कार्यशाला का उद्घाटन मध्यप्रदेश काउंसिल ऑफ साइंस एण्ड टेक्नालॉजी के डायरेक्टर जनरल डॉ. नवीन चन्द्रा ने किया। पीएचडी चैम्बर के रीजनल डायरेक्टर आर जी द्विवेदी ने कार्यशाला का संचालन किया। सैम समूह की अध्यक्षा प्रीति सलूजा ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट किया।



डॉ. नवीन चन्द्रा ने अपने उद्बोधन में कहा कि कुछ वर्ष पूर्व तक देश में बौद्धिक सम्पदा अधिकारों के प्रति जागरूकता नहीं थी। इसके चलते लोग बड़ी आसानी से पायरेटेड सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करते थे, देश का सिनेमा उद्योग हॉलीवुड की फिल्मों की कहानी अथवा किरदारों का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर लेता था, गीत संगीत की धुनें चुराई जाती थीं आदि आदि। किन्तु समय के साथ बौद्धिक सम्पदा अधिकारों के प्रति परिपक्वता व समझ बढ़ने से तथा देश के उद्योगपतियों द्वारा विदेशों में बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की स्थापना के साथ ही इसके प्रति जागरूकता बढ़ी है लेकिन इस दिशा में अभी और अधिक प्रयासों की जरूरत है।



मध्यप्रदेश काउंसिल ऑफ साइंस एण्ड टेक्नालॉजी के पेटेंट इन्फार्मेशन प्रमुख डॉ. एन के चौबे ने पेटेट लॉ, पीसीटी प्रोटेक्शन का पंजीकरण कहां और कैसे करवाएं और इस पर होने वाले खर्च के बारे में जानकारी देने के साथ.साथ एमएसएमई की प्रतिस्पर्धा में पेंटेट का महत्व, ट्रेड सीक्रेट, आईपीआर इन्फोरसमेंट इश्यू पर विचार विमर्श किया गया। तकनीकी स्तर में बौद्धिक सम्पदा अधिकार की भूमिका, अन्तरराष्ट्रीय परिपेक्ष्य में इसका महत्व, ट्रेडमार्क व कापी राईट के बारे में जानकारी दी गई।



प्रदीप करमबेलकर ने बौद्धिक सम्पदा अधिनियम के तहत पंजीकरण कराने की प्रक्रिया तथा भारत में बौद्धिक सम्पदा अधिकारों को किस प्रकार संरक्षित किया जाता है, विषय पर अपना विस्तृत विवेचन प्रस्तुत किया।



मध्यप्रदेश लघु उद्योग संघ के महासचिव विपिन जैन ने बौद्धिक सम्पदा संरक्षण तथा आई.पी.आर. के राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रावधानों व प्रभावों पर जानकारी दी। प्रश्नकाल के दौरान वक्ताओं व प्रतिभागियों के बीच सजीव एवं सूचनाप्रद चर्चा हुई तथा विषय विशेषज्ञों ने पेटेन्ट एवं ट्रेडमार्क से सम्बन्धित प्रतिभागियों के प्रश्नों के उत्तर दिए। कार्यक्रम में विभिन्न उद्योगों व संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

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