2 फरवरी 2018। मिशन 2018 की तैयारी में जुटी कांग्रेस चुनाव से 6 महीने पहले ही अपना घोषणा पत्र लाने जा रही है। अमूमन राजनीतिक पार्टियां चुनावो के एन पहले घोषणा पत्र लाती है लेकिन ये पहली बार है जब कोई राजनीतिक पार्टी अपना चुनावी घोषणा पत्र चुनाव से 6 महीने पहले ला रही है।
14 सालों से मध्य प्रदेश की सत्ता से बाहर कांग्रेस इस बार आर पार को लड़ाई के मूड में आ गई है। नए बने कांग्रेस का प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया की अगुवाई में कांग्रेस बीजेपी को हराने की हर रणनीति पर काम कर रही है। इसी रणनीति के तहत कांग्रेस चुनाव से 6 महीने पहले घोषणा पत्र लाने की कवायद में जुट गई है। मकसद है कि चुनाव से 6 महीने पहले ही सरकार के प्रति जाग रही एंटी इनकंबेंसी को भुनाना। इस घोषणा पत्र के जरिये कांग्रेस प्रदेश की जनता को 6 महीने पहले से ही गरीबो ओर किसानों को साधने की कोशिश करेगी। साथ ही युवाओं महिलाओं और सरकारी कर्मचारियों के वोट जुगाड़ने के लिए भी कोशिश करेगी।
कांग्रेस के घोषणा पत्र में होने वाले संभावित वादे/घोषणाएं।
-बीपीएल कार्डधारकों को मुफ्त अनाज,एकल बत्ती कनेक्शन ।
-गरीबों के लिए मुफ्त आवास, शासकीय अस्पतालों में मुफ्त चिकित्सा दावा वितरण।
-बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता मुफ्त लेपटॉप जैसे स्कीम।
-सरकारी विभागों में दो लाख से ज्यादा खाली पड़े पदों पर नियुक्ति जिसमे महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण।
-किसानों के भूमि विकास बैंक समेत सहकारी बैंकों के 50 हजार से लाख तक के कर्जे को माफ किया जाएगा।
जाहिर है इन सब घोषणाओं ओर वादों के जरिये कांग्रेस चुनाव के 6 महीने पहले ही वोटरों का मानस बदलने की कोशिश करेगी। वही कांग्रेस, बीते 14 सालों के दौरान भाजपा सरकार में हुए घपले घोटाले ओर भ्रस्टाचार जैसे मुद्दों पर आरोप पत्र भी लाएगी ताकि अगले 6 महीनो में भाजपा सरकार की नाकामियों को घर घर पहुचाया जा सके।
दरअसल कांग्रेस के सामने इस चुनाव मे करो या मरो जैसे हालात है।कांग्रेस जानती है कि इस बार भी अगर सत्ता की चाबी हाथ नही लगी तो मध्य प्रदेश को उत्तरप्रदेश या बिहार बनते देर नही लगेगी। जहां कांग्रेस आज तीसरे चौथे नंबर की पार्टी है।इसलिए कांग्रेस का पूरा फोकस हर उस रणनीति पर काम करना है जो उसे मिशन 2018 में जीता सके। इसलिए चुनावी घोषणा पत्र को 6 महीने पहले लाया जा रहा है ताकि प्रदेश की जनता को 6 महीने के लंबे समय के दौरान कांग्रेस अपनी लोकलुभावन वादों ओर घोषणाओं के जरिये लुभा सके।वहीं कांग्रेस इस घोषणा पत्र के जरिये बताने की कोशिश करेगी कि उसके पास प्रदेश की जनता को खुशहाल समृद्ध और बेरोजगारी गरीबी दूर करने का ब्लू प्रिंट तैयार है। वही एक बार फिर अपनी जीत से आश्वश्त भाजपा कांग्रेस के घोषणा पत्र पर चुटकी लेते नजर आ रही है।
जिस पार्टी में छोटे से काम में भी गुटबाजी मतभेद ओर लड़ाई सामने आ जाती हो, उस पार्टी में चुनाव से पहले घोषणा पत्र बनाने पर कैसे दिग्गजों की सहमति बन पाएगी बड़ा सवाल है। वहीं घोषणा वीर कहे जाने वाले प्रदेश के मुखिया शिवराज की घोषणाओं ओर वादों की काट क्या ये घोषणापत्र कर पायेगा ये सबसे बड़ा सवाल है।
- डॉ. नवीन जोशी
कांग्रेस का 6 महीने पहले घोषणा पत्र लाने के निहितार्थ...इस बार आर पार करने का मूड
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