6 फरवरी 2018। राज्य के श्रम विभाग के अंतर्गत संचालित मप्र भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के तहत पंजीकृत महिला श्रमिक को अब प्रसूति सहायता योजना के तहत 60 दिन की बिना काम न्यूनतम वेतन मिलेगा। पहले उन्हें 45 दिन का न्यूनतम वेतन मिलता था।
इस संबंध में राज्य सरकार ने वर्ष 14 साल पहले वर्ष 2004 में बनी प्रसूति सहायता योजना में बदलाव कर दिया है। पहले योजना में प्रावधान था कि 45 दिन का न्यूनतम वेतन पंजीकृत महिला श्रमिक हेतु तथा 1400 रुपये पोषण भत्ता ग्रामीण क्षेत्र हेतु एवं एक हजार रुपये शहरी क्षेत्र के लिये तथा महिला श्रमिक के पंजीकृत पति को 15 दिन का न्यूनतम वेतन दिया जायेगा। यह योजना तीन बच्चों की प्रसूति हेतु मान्य थी। परन्तु अब इस प्रावधान को बदलकर नया प्रावधान किया गया है कि वैध परिचय पत्रधारी महिला निर्माण श्रमिक अथवा वैध परिचय पत्रधारी पुरुष निर्माण श्रमिक की पत्नी को संस्थागत प्रसव पर प्रसूति सहायता के रुप में साठ दिन की अवधि का अकुशल श्रमिक हेतु निर्धारित वेतन प्रसूति हितलाभ के रुप में देय होगा तथा वैध परिचय पत्रधारी महिला निर्माण श्रमिक अथवा वैध परिचय पत्रधारी पुरुष निर्माण श्रमिक की पत्नी को संस्थागत प्रसव पर प्रसूति सहायता के अतिरिक्त पोषण भत्ता रुपये एक हजार शहरी क्षेत्र हेतु एवं रुपये 1400 ग्रामीण क्षेत्र हेतु देय होगा।
उल्लेखनीय है कि पहले घर पर भी प्रसव पर प्रसूति योजना का लाभ मिल जाता था परन्तु अब प्रसूति संस्थागत यानि अस्पताल में होना अनिवार्य कर दिया गया है। इसी प्रकार अब पंजीकृत पुरुष श्रमिक को 15 दिन का न्यूनतम वेतन नहीं दिया जायेगा और अब दो बच्चों के प्रसव तक ही इस योजना का लाभ मिल सकेगा।
विभागीय अधिकारी ने बताया कि पंजीकृत महिला श्रमिकों को प्रसूति सहायता देने की योजना में बदलाव किया गया है। अब उन्हें 45 दिन के बजाये साठ दिन का प्रसूति सहायता हितलाभ दिया जायेगा। यह हितलाभ अकुशल श्रमिक को मिलने वाले मासिक वेतन के बराबर होगा जोकि वर्तमान में 7 हजार 125 रुपये मासिक है।
- डॉ नवीन जोशी
निर्माण महिला मजदूर को अब 60 दिन का प्रसूति वेतन मिलेगा
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Bhopal 👤By: Admin Views: 5018
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