
संसदीय विधापीठ द्वारा आयोजित कार्यशाला का उदघाटन सत्र संपन्न
07 फरवरी 2018। विधायिका और कार्यपालिका की भूमिका सुशासन के लिए महत्वपूर्ण होती है। विधायिका एवं कार्यपालिका एक दूसरे के अनुपूरक हैं जिनका मूल उद्देश्य संविधान प्रदत्त व्यवस्थाओं के अंतर्गत लोकतंत्रात्मक शासन के माध्यम से जनसेवा एवं प्रदेश का सर्वांगींण विकास करना है। विधान सभा के प्रमुख सचिव अवधेश प्रताप सिंह ने यह उदगार जिले के प्रशासनिक अधिकारियों को विधान सभा प्रश्न, स्थगन, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव एवं अन्य विधायी प्रक्रियाओं के संबंध में आयोजित प्रशिक्षण कार्यशाला के उदघाटन सत्र को संबोधित करते हुए व्यक्त किये। श्री सिंह द्वारा बताया गया कि संसदीय प्रक्रिया के अंतर्गत विधायिका के सदस्यों द्वारा कार्यपालिका का उत्तरदायित्व
सुनिश्चित किया जाता है। श्री सिंह ने कार्यशाला में उपस्थित अधिकारियों की जिज्ञासाओं का समाधान भी किया।
इस अवसर पर जिले के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ संसदीय विधापीठ के संचालक एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।