
13 फरवरी 2018। आंध्रप्रदेश के प्रसिध्द तीर्थस्थल तिरुमला तिरुपति देवस्थान ने मप्र सरकार से उज्जैन और खजुराहो में बालाजी मंदिर बनाने के लिये दस-दस एकड़ भूमि आवंटित करने की मांग की है। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव विवेक अग्रवाल इस भूमि आवंटन हेतु विशेष प्रयास कर रहे हैं।
तिरुपति स्थित मुख्य बालाजी मंदिर में देशभर से आने वाले श्रृध्दालुओं की भारी संख्या को देखते हुये बालाजी मंदिर प्रबंधन ने देशभर के राज्यों में बालाजी मंदिर बनाने का निर्णय लिया हुआ है। कुरुक्षेत्र और कन्याकुमारी में 5-5 एकड़ भूमि क्षेत्र में बीस-बीस करोड़ रुपयों की राशि से बालाजी के मंदिर बन चुके हैं तथा भुवनेश्वर में 3 एकड़ भूमि पर बालाजी का मंदिर निर्माणाधीन है। मंदिर प्रबंधन ने मुम्बई में एक एकड़, इलाहाबाद और वृन्दावन में 10-10 एकड़, जयपुर में तीन एकड़, चेन्नई में 4 एकड़ और रायपुर में दस एकड़ भूमि आवंटित किये जाने का मांग-पत्र वहां की राज्य सरकारों को भेजा है जहां से उन्हें प्रारंभिक स्वीकृति भी मिल गई है। असम सकार ने भी भूमि आवंटित करने का आश्वासन दिया है।
मंदिर प्रबंधन को अधिक मात्रा में भूमि आवंटन इसलिये चाहिये रहता है क्योंकि वह मंदिर परिसर में वैवाहिक कार्यक्रम करने हेतु कल्याण मंडपम और स्टाफ क्वार्टर्स भी बनाती है। तिरुमाला तिरुपति देवस्थान के कार्यपालन अधिकारी अनिल कुमार सिंघल जोकि भारतीय प्रशासनिक सेवा के सदस्य हैं, देशभर के राज्यों में बालाजी मंदिर बनाने के काम में लगे हुये हैं तथा उन्होंने मप्र सरकार से भी उज्जैन एवं खजुराहो में भूमि आवंटित करने की मांग की है। वे बालाजी के मंदिर बनाने के लिये उन्हीं स्थलों का चयन कर रहे हैं जहां बालाजी के भक्त ज्यादा हैं। अभी उन्हें मप्र सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है परन्तु उनकी मांग पर राजस्व विभाग भूमि आवंटन के प्रस्ताव तैयार कर रहा है।
तिरुमाला तिरुपति देवस्थान के कार्यपालन अधिकारी अनिल कुमार सिंघल ने बताया कि तिरुपति बालाजी मंदिर में श्रृध्दालुओं की भीड़ देखते हुये देशभर के राज्यों में बालाजी के मंदिर बनाने का निर्णय हुआ है। इसी के तहत मप्र के उज्जैन एवं खजुराहो में दस-दस एकड़ भूमि आवंटित करने की मांग की गई है।
- डॉ नवीन जोशी