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वैट में छूट वाली निवेश प्रोत्साहन योजना खत्म, अब जीएसटी वाली योजना

Place: Bhopal                                                👤By: Admin                                                                Views: 2342

वृह्त उद्योग लगाने पर सात साल में 150 करोड़ की केपिटल सब्सिडी मिलेगी

8 मार्च 2018। राज्य सरकार ने अपनी उद्योग संवध्र्दन नीति 2014 के तहत वृह्त उद्योगों को वैट में दी जा रही 75 प्रतिशत तक की छूट को समाप्त कर दिया है तथा अब जीएसटी लागू होने से नई निवेश प्रोत्साहन योजना लागू कर दी है। पहले जहां वेट में रिफण्ड मिलता था वहां अब जीएसटी में रिफण्ड नहीं मिलेगा बल्कि केपिटल सब्सिडी दी जायेगी जिसकी अधिकतम सीमा 150 करोड़ रुपये होगी।



निवेश प्रोत्साहन की यह नवीन योजना आगामी 1 अप्रैल 2018 से लागू की जायेगी। इस नीति का लाभ उन वृह्द उद्योगों की स्थापना पर दिया जायेगा जिनका वाणिज्यिक उत्पादन 1 अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2022 के बीच प्रारंभ होगा। नई नीति का लाभ उन्हीं वृह्द उद्योगों को दिया जायेगा जो यंत्र एवं संयंत्र में कम से कम 10 करोड़ रुपये से अधिक निवेश करेंगे। ऐसे उद्योगों का जीएसटी अधिनियम के तहत पंजीयन होना जरुरी होगा।



नई योजना के अनुसार, अब खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के अलावा अन्य वृह्द उद्योग लगाने पर न्यूनतम 10 करोड़ रुपये का संयंत्र में पूंजी निवेश करने पर 4 करोड़ रुपये की नकद प्रोत्साहन राशि मिलेगी तथा जैसे-जैसे संयंत्र में निवेश की राशि बढ़ेगी प्रोत्साहन राशि में भी वृध्दि होगी। अधिकतम पन्द्रह सौ करोड़ रुपये के निवेश पर अधिकतम 150 करोड़ रुपये की निवेश प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। खाद्य प्रसंस्करण में वृह्द उद्योग लगाने पर न्यूनतम 10 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश पर 6 करोड़ रुपये की निवेश प्रोत्साहन राशि तथा अधिकतम पन्द्रह सौ करोड़ रुपये के निवेश पर अधिकतम 150 करोड़ रुपये की निवेश प्रोत्साहन राशि दी जायेगी।



विभागीय अधिकारी ने बताया कि वैट एवं प्रवेश कर खत्म होने से पहले की निवेश प्रोत्साहन योजना अप्रभावी हो गई है तथा इसलिये जीएसटी वाली नई प्रोत्साहन योजना बनाई गई है जिसमें टैक्स रिफण्ड के बजाये केपिटल सब्सिडी दी जायेगी जोकि अधिकतम डेढ़ सौ करोड़ रुपये होगी।



- डॉ नवीन जोशी

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