देश में जल की कमी नहीं बल्कि जल के नियोजन की कमी है - केन्द्रीय मंत्री गड़करी
15 जुलाई को म़.प्र. में 7 करोड पौधे लगाए जाएंगे और 313 नदियों के
पुर्नजीवन पर कार्य किया जाएगा-मुख्यमंत्री श्री चौहान
16 मार्च 2018। बांद्राभान, पंचम नदी महोत्सव में चिंतन करते हुए मुझे स्व. अनिल माधव दबे जी की याद आ रही है। वे नर्मदा नदी को स्वच्छ बनाने हेतु लगातार प्रयास करते रहते थे और उन्होंने अपना जीवन पर्यावरण को समर्पित कर दिया था। आज दवे जी हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके विचारों को आगे बढाने के लिए कार्य करते रहना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है। यह विचार नर्मदा-तवा संगम बांद्राभान में आयोजित पंचम नदी महोत्सव कार्यक्रम में मुख्य अतिथि और केन्द्रीय परिवहन मंत्री श्री नितिन गड़करी ने व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि जल, जंगल, जमीन और जानवर ये सभी भगवान के द्वारा हमें दी गई अमूल्य भेंट है और इनका संवर्धन करने पर सम्पूर्ण सृष्टि का विकास होगा और इसके लिए हम सभी को एकात्म दृष्टिकोण की आवश्यकता है। हमारे देश में जल की कमी नहीं है बल्कि जल के नियोजन की कमी है क्यूंकि देश की नदियों का बहुत सा पानी समुद्र में चला जाता है। हमारे देश में कई जगह पानी की अधिकता है, वहां बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न होती है और कई जगह पानी कम है जहाँ सूखे की समस्या सामने आती हैं हमें पानी के नियोजन और संवर्धन के क्षेत्र में वैज्ञानिक दृष्टिकोण लेकर और अधिक कार्य करना होगा ताकि संतुलन बन सके। नदियों के जल संवर्धन से जुड़े बहुत से काम देश में हो रहे हैं जिससे सभी को लाभ मिल रहा है हम सभी को वृक्षारोपण सहित प्रकृति के संवर्धन से जुड़े अन्य कार्यों को अधिकता से करने की आवश्यकता है, ताकि जल का संतुलन बना रहे। श्री गड़करी ने आगे कहा कि वेस्ट को वेल्थ में बदलने, तकनीक का उचित उपयोग, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन, लॉजिस्टिक कॉस्ट को कम करने हेतु जो कार्य चल रहे हैं साथ ही जो कार्य हम आगे कर सकते हैं इनसे आर्थिक स्थिति को बदला जा सकता है। स्व. अनिल माधव दवे जी के द्वारा की गई शुरुआत और उनके विचार पर चिंतन और कार्य से पर्यावरण सुरक्षा के क्षेत्र में लाभ मिलेगा और प्रत्येक गाँव का समग्र विकास होगा।
इसके पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री गडकरी, मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अनिल माधव दवे द्वारा लिखित पुस्तक नर्मदा परिक्रमा मार्ग का विमोचन किया। सतगुरू श्री जग्गी वासुदेव द्वारा नदी महोत्सव के आयोजन पर दिए गए संदेष का प्रसारण किया गया। जिसमें उन्होंने नदी महोत्सव के लिए सभी को षुभकामनाएं भेजी थीं। कार्यक्रम से पूर्व मुख्य अतिथिगणों को उत्तरीय एवं श्री अनिल माधव दवे द्वारा लिखित पुस्तक भेट की गई।
हमें समग्र संतुलन को आगे बढाते हुए इसी दिशा में कार्य करना होगा-श्री सोनी
नदी-महोत्सव कार्यक्रम में मुख्य वक्ता की रूप में शामिल हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह सुरेश सोनी जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि इस पंचम नदी-महोत्सव के केंद्र बिंदु का विषय सहायक नदियाँ हैं। गाँव-गाँव में फैली जलधाराओं की एक दुनिया है और उसे समझने की आवश्यकता है। पश्चिमी और भारतीय चिंतन में अंतर समझाते हुए श्री सुरेश सोनी ने कहा कि हमे अपने मौलिक चिंतन को समझकर उसमे परिवर्तन करना होगा। पिछले 150 सालों में विज्ञान ने बहुत सी तकनीक और मशीने बनाई हैं किन्तु उनमे से कुछ तकनीकों से समस्याएं भी उत्पन्न हो रही हैं। भारतीय चिंतन को समझे जिसमे यह बतलाया गया है कि पृथ्वी एकात्म है और मानव जीवन पंचतत्व के साथ जुडा हुआ है। उन्होंने कई उदाहरण देते हुए कहा कि हजारों भाषणों से ज्यादा एक जीता-जागता उदाहरण प्रेरणा देता है। स्व. अनिल माधव दवे ने भी कई ऐसे कार्य किये जिनसे हम सभी को प्रेरणा मिलती है। हमें समग्र संतुलन को आगे बढाते हुए इसी दिशा में कार्य करना होगा।
उन्होंने कहा कि हवा पानी, प्राणी एवं वनस्पति की एक दुनिया हैं। हमने प्राणी एवं वनस्पति की दुनिया को पेंटिंग में सीमित कर दिया है। जीवन का अस्तित्व रहे कैसे इस पर हमें चिंतन करना होगा। उन्होंने राजस्थान के जैसलमेर का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां 700 वर्ष पूर्व ही तालाब के पानी के संरक्षण के लिए कार्य षुरू कर दिया गया था। हम तकनीकी का उपयोग कर नदियों को पुर्नजीवन दे सकते हैं। नदी जब एक स्त्रोत से दूसरे स्त्रोत तक बहने लगे तब नदी का जीवन हैं।
नदियों का महत्त्व समझकर हमे लगातार उन्हें जीवित रखने हेतु कार्य करना होगा- मुख्यमंत्री श्री चौहान
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में सर्प्रथम स्व. अनिल जी को श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हुए कहा कि हमे उनके कार्य को आगे बढ़ाना होगा स साथ ही सरकार के कार्यों की बात करते हुए उन्होंने कहा कि लोगों कि जिन्दगी में खुशहाली लाना और सामाजिक रूप से भी उनका विकास करना सरकार का कार्य है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि नदी संरक्षण के लिए नर्मदा सेवा यात्रा निकाली गई थी। यह यात्रा 5 महीने 5 दिन चली और इस यात्रा से लोगों में नदी संरक्षण के प्रति एक चेतना का भाव जागृत हुआ। जुलाई माह में 6 करोड 63 लाख पौधे लगाए गए जिनमें से 80 प्रतिषत पौधे जीवित हैं। श्री चैहान ने कहा कि आगमी 15 जुलाई को पुनः 7 करोड पौधे लगाए जाएंगे और हमने संकल्प लिया है कि प्रदेष की 313 नदियों पर कार्य कर श्रमदान कर उसे पुर्नजीवित किया जाएगा। हमारे लिए तालाब भी महत्वपूर्ण हैं तो तालाब के पुर्नजीवन पर भी कार्य किया जाएगा। नर्मदा किनारे के 20 जिलों में सीबेज र्टीटमेंट प्लांट लगाए जाएंगे। कुछ जिलों में इसका कार्य भी षुरू हो गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नर्मदा में जल की धारा बढेगी इसकी कार्य येाजना बनाइ जाएगी। नर्मदा के किनारे के गांव में मुक्तिधाम, पूजन कुण्ड एवं उस क्षेत्र को नषा मुक्त बनाने का कार्य किया जा रहा है। वो हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं जिससे जल की धारा बढ सके व प्रवाहित हो सके।
कार्यक्रम की शुरुआत में सर्वप्रथम अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन किया गया तत्पश्चात नर्मदाष्टक गायन एवं मध्यप्रदेश गान हुआ। मंचस्थ अतिथियों का स्वागत पुस्तक एवं उत्तरीय भेंट कर किया गया। नर्मदा समग्र के न्यासी एवं विधायक श्री विष्णु खत्री जी ने स्वागत उद्बोधन देते हुए अतिथियों का संक्षिप्त में परिचय करवाया एवं पूर्व में आयोजित नदी महोत्सव के साथ स्व. अनिल माधव दवे जी द्वारा किये गये कार्यों पर प्रकाश डालते हुए नदी महोत्सव के विषयों के बारे में आये हुए सभी प्रतिभागियों एवं उपस्थित सभी लोगों को अवगत कराया। इसके बाद जग्गी वासुदेव जी के सन्देश का प्रदर्शन किया गया।
कार्यक्रम में आशीर्वचन देते हुए स्वामी परमात्मानंद जी ने कहा कि हमें केवल स्वयं के लिए नहीं जीना चाहिए बल्कि इस प्रकार जीना चाहिए जिससे हमारे साथ-साथ सबका विकास हो स जब तक हम सृष्टि को पूज्य रूप से नहीं देखेंगे तब तक पर्यावरण में समस्याएं बढती जाएँगी। अतः हमें पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदाती समझनी होगी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में सामजिक चेतना जागाने हेतु सर्वाधिक कार्य किया जा रहा है और इस कार्य में जनता को जागरूक होकर जुड़ना होगा तभी कार्य सफल होगा।
नदी महोत्सव कार्यक्रम के इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचारक प्रमुख अरुण जैन, भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत, विधायक सिवनीमालवा सरताज सिंह, प्रदेश महामंत्री विष्णुदत्त शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष ब्रजेश लूणावत, सांसद राव उदय प्रताप सिंह, आयोजन समिति संयोजक शैलेन्द्र शर्मा, जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष राघवेन्द्र गौतम, प्रदीप पाण्डे, जिला पंचायत अध्यक्ष कुषल पटेल, विधायक सोहागपुर विजयपाल सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष हरिषंकर जायसवाल एवं स्थानीय जनप्रतिनिधिगण मौजूद थे।
एक जीता-जागता उदाहरण हजारों भाषणों से ज्यादा प्रेरणा देता है -श्री सोनी
Place:
होशंगाबाद 👤By: Admin Views: 3810
Related News
Latest News
- "अबराज उमर": मक्का के दिल में बसा शांति और आध्यात्मिकता का एक मिश्रण
- ‘अज्ञानी, अहंकारी’ अमेरिकियों ने ट्रंप को चुना - हॉलीवुड स्टार
- भारत ने बांग्लादेश में हिंदू साधु की गिरफ्तारी पर सवाल उठाए
- निवेश के लिए विभिन्न सेक्टर्स में उद्योगपतियों ने दिखाई रूचि : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
- मध्य प्रदेश पुलिस में डिजिटल क्रांति: 25,000 टैबलेट्स से जांच होगी हाईटेक
- मध्यप्रदेश: औद्योगिक निवेश के नए युग की ओर मुख्यमंत्री डॉ. यादव का यूके रोड शो