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कमिश्नर प्रणाली से कानून व्यवस्था पटरी पर लौटेगी...?

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Place: Bhopal                                                👤By: Admin                                                                Views: 6457

शिवराज की चुनाव के पूर्व प्रयोगिक मुहिम के चर्चे



28 मार्च 2018। सूबे के महानगरों भोपाल ओर इंदौर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने के मुख्यमंन्त्री शिवराज सिंह चौहान के मंसूबे को लेकर भाजपा और कांग्रेस आमने सामने आ गई है। सूत्रों की माने तो शिवराज सरकार जल्द ही इन महानगरों में कमिश्नर प्रणाली शुरू कर सकती है।कल हुई हाई पावर कमेटी की बैठक में शिवराज सिंह चौहान ने कमिश्नर प्रणाली शुरू करने के संकेत दिए हैं।



अंग्रेजो के जमाने से शुरू हुई कमिश्नर प्रणाली जल्द ही मध्य प्रदेश की राजधानी समेत इंदौर में शुरू हो सकती है।इसके संकेत कल मुख्यमंन्त्री ने कानून व्यवस्था की समीक्षा को लेकर हाई पावर कमेटी की बैठक में दिए। सूत्रों की माने तो कल हुई इस बैठक में आईपीएस अधिकारियों ने इन बड़े महानगरों में आईपीएस प्रणाली लागू करने की जरूरत बताई थी। जिससे मुख्यमंन्त्री सहमत दिखाई दिए साथ ही मुख्यमंन्त्री ने अधिकारियों से अध्ययन कर इसकी रिपोर्ट बनाने को कहा है जिसके बाद जल्द ही इसे शुरू किया जाएगा। लेकिन ये खबर बाहर आते ही विपक्ष ने इसे मुद्दा बना लिया है।कांग्रेस का कहना है कि प्रदेश को कानून व्यवस्था इस कदर बिगड़ चुकी है कि चाहे कमिश्नर प्रणाली आये या कुछ और अब सुधार की संभावना नही हैं।



पुलिस विभाग के मुताबिक इंदौर भोपाल की आबादी प्रदेश की आबादी का 5 फीसदी है लेकिन अपराध 16 फीसदी होते है साथ ही वीआईपी मूवमेंट के साथ बड़ी महत्वपूर्णघटनाये भी इन शहरों में ज्यादा होती है इसलिए कमिश्नर प्रणाली से कानून व्यवस्था कायम रखने में मदद मिलेगी।इसके अलावा प्रदेश की 23 फीसदी जीडीपी इन्ही शहरों से मिलती है और एयरपोर्ट भी इन शहरों में है ऐसे में कमिश्नर प्रणाली कारगर साबित हो सकती है।



क्या है पुलिस कमिश्नर प्रणाली-



-अंग्रेजो के जमाने की इस व्यवस्था में 10 लाख तक कि आबादी के शहरों में इसे लागू किया जाता हैं।



-इसके तहत पुलिस के पास सीआरपीसी के अधिकार आ जाते हैं।



- भीड़ पर लाठीचार्ज,फायरिंग,धारा 144,151लगाने के अधिकार मिलते हैं।



-होटल बार लाइसेंस आर्म्स लाइसेंस जारी करने के अधिकार।



-राष्ट्रिया सुरक्षा कानून, नारकोटिक्स, एक्साइज संबंधी शक्तियों के अलावा आरोपी पर जुर्माना लगाकर जेल भेजने के पावर भी पुलिस कमिश्नर के पास।



-धरना प्रदर्शन की अनुमति देने का अधिकार कलेक्टर की बजाय पुलिस कमिश्नर के पास।



अब तक ये अधिकार जिले के कलेक्टर एसडीएम के पास रहते थे लेकिन पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद ये अधिकार पुलिस के पास पहुच जाएंगे।यही वजह है कि कांग्रेस के साथ प्रदेश की आईएएस लॉबी भी इसका विरोध कर रही है।लेकिन सरकार चलने वाली भाजपा का मानना है कि इससे अपराधों में आ रही बढ़ोतरी में लगाम लगेगी और विपक्ष को इसका स्वागत करना चाहिए।



अभी देश के 71 शहरों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू है ऐसे में भोपाला ओर इंदौर इस प्रणाली के लागू होने के बाद 72वे ओर 73 वे शहर हो जाएंगे।लेकिन सवाल उठता है कि कानून व्यवस्था में सुधार मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति,ओर पुलिस पर बिना दाबाव के काम करने देने से भी हो सकता है ऐसे में अगर अपराधियों को राजनेतिक संरक्षण मिलता रहे ओर पुलिस पर राजनीतिक दबाव बना रहे तो कमिश्नर प्रणाली भी अपराध रोकने में नाकाम साबित होगी।



? डॉ. नवीन जोशी

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