×

चालान की राशि सायबर कोषलय से जमा करने की छूट 11 वीं बार बढ़ी

Place: Bhopal                                                👤By: Admin                                                                Views: 2064

7 अप्रैल 2018। राज्य सरकार के पक्ष में विभिन्न दस हजार रुपये से अधिक की राशियां चालान के जरिये जमा करने के लिये सायबर कोषालय की व्यवस्था की गई है परन्तु दो साल में भी इस व्यवस्था को लागू नहीं किया जा सका है तथा शासकीय विभागों के लिये पहले की तरह भौतिक रुप से चालान जमा करने की सुविधा बरकरार रखी गई है। राज्य सरकार ने दस बार इस व्यवस्था को अपनाने की तिथि बढ़ाने के बाद पुन: ग्यारहवीं बार तिथि में वृध्दि कर दी है। ऐसा मुख्य रुप से दो विभागों वाणिज्यिक कर विभाग के अंतर्गत आबकारी कार्यालय और पंजीयन एवं मुद्रांक कार्यालय द्वारा उपयुक्त साफ्टवेयर तैयार न करने के कारण हुआ है।



उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार के वित्त विभाग ने 4 जुलाई 2016 को आदेश जारी कर कहा था कि 1 सितम्बर 2016 के पश्चात चालान एवं रिफण्ड भौतिक रुप से न होकर सिर्फ सायबर कोषालय के माध्यम से आनलाईन होगा। परन्तु 2 सितम्बर 2016 को आदेश जारी कर इस तिथि को 30 सितम्बर 2016 तक बढ़ा दिया गया। 30 सितम्बर 2016 को आदेश जारी कर यह तिथि 31 दिसम्बर 2016 तक बढ़ा दी गई। 2 जनवरी 2017 को आदेश जारी कर इस तिथि में 31 जनवरी 2017 तक तिथि बढ़ाई गई और 31 जनवरी 2017 के आदेश से तिथि में 31 मार्च 2017 तिथि की गई। 31 मार्च 2017 को पुन: आदेश जारी कर तिथि में 30 जून 2017 तक वृध्दि की गई और 6 जुलाई 2017 के आदेश से यह तिथि 31 जुलाई 2017 कर दी गईञ 2 अगस्त 2017 को फिर से आदेश जारी कर तिथि में 31 अक्टूबर 2017 तक अवधि बढ़ाई गई और 7 नवम्बर 2017 को आदेश कर कहा कि यह तिथि अब 31 दिसम्बर 2017 तक रहेगी। 12 जनवरी 2018 को एक बार फिर आदेश जारी कर इस तिथि में 31 मार्च 2018 तक वृध्दि की गई और अब ताजा आदेश के तहत इस तिथि में पुन: वृध्दि कर इसे 30 अप्रैल 2018 कर दिया गया है।



हर बार की तरह इस बार भी तिथि बढ़ाने का कारण दिया गया है कि कतिपय विभागों में आवश्यक आनलाईन प्रणाली स्थापित करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, इसीलिये तिथि में वृध्दि की जाती है।



विभागीय अधिकारी ने बताया कि यह सही है कि दस हजार रुपये से अधिक की राशि सिर्फ सायबर कोषलय के माध्यम से जमा करने की तिथि में 30 अप्रैल 2018 तक पुन: वृध्दि की गई है। आबकारी और मुद्रांक एवं पंजीयन कार्यालय अभी तक अपने आनलाईन साफ्टवेयर में यह व्यवस्था नहीं कर पाये हैं, इसीलिये तिथि बढ़ाई गई है।





- डॉ नवीन जोशी

Related News

Global News