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अधिकारियो की मनमर्जी से लघु और सूक्ष्म उघोग बंद होने के कगार पर....

Place: Bhopal                                                👤By: Admin                                                                Views: 1704

आरपार की लड़ाई के मूड में लघु उद्योग भारती संगठन

सरकार को दिया 15 दिन का अल्टीमेटम

19 अप्रैल 2018। मध्यप्रदेश में उद्योग विभाग के बड़े अधिकारियों की दादागिरी, हिलेहवाली के चलते छोटे मगर महत्वपूर्ण उद्योग दम तोड़ रहे है। सरकार का भारीभरकम लीजरेंट, नगरीय निकायों का बेवजह प्रापर्टी टेक्स आरोपित करना, भूमि की बंदरबाट ने भारतीय उद्योगों को मरणासन्न बना दिया है ।शिवराज सरकार के अधिकारियो की उपेक्षा के कारण आज प्रदेश के सूक्ष्म व लघु उघोग बंद होने की कगार पर पहुच गया है। समस्याओ के चलते लघु उघमी वर्तमान अपना उघोग चलाने मेंअसमर्थ होते जा रहे है जिससे लाखो श्रमिको के सामने रोजी रोटी का खतरा मंडराने लगा है। संगठन ने चेतावनी दी है कि सरकार ने इस ओर जल्द कदम नही उठाए तो उसे श्रमिको के साथ अगले 15 दिनों में सडक़ो पर निकलने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।



लघु उघोग भारती मध्यप्रदेश के महामंत्री राजेश कुमार मिश्रा राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री सुधीर दाते व उपाध्यक्ष आदेश बंसल (ग्वालियर), महेश गुप्ता उपाध्यक्ष (इंदौर)ने आज यहां बताया कि गत 14 अप्रेल को पटना में लघु उघोग भारती की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक संपन्न हुई।बैठक में सूक्ष्म एवं लघु उघोगो को आने वाली समस्याओ पर गहन मंथन हुआ। बैठक में केन्द्रीय सूक्ष्म एवं लघु उघोग मंत्री गिरीराज सिंह भी शामिल हुए। बैठक में मध्यप्रदेश के सूक्ष्म एवं लघु उघोगो की स्थिति पर भी विस्तृत चर्चा हुई।



श्री मिश्रा एवं गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सूक्ष्म एवं लघु उघोगो के लिए कई योजनाए बनाई है यहां तक कि अलग विभाग भी बनाया है लेकिन अधिकारी सूक्ष्म एवं लघु उघोगो की लगातार उपेक्षा कर रहे है यही कारण है कि आज यह उघोग कई समस्याओ से जूझ रहे है। शासन द्वारा लिया जाने वाला संधारण शुल्क, संपत्तिकर, जमीन की उपलब्धता जैसी अन्य समस्याए है कई बार सरकार का ध्यान इस ओर दिलाया भी गया लेकिन इनका आज तक निराकरण नही हुआ। इन समस्याओ के कारण लघु उघमी आज अपना उघोग चलाने मेंअसमर्थ होता जा रहा है। उन्होने कहा कि जीएसटी के अव्यवाहरिक कार्यपद्धति के कारण भी लघु उघमियो की परेशानी बढ़ी है। उन्होने कहा कि शासन के अधिकारियो को सूक्ष्म एवं लघु उघोग के सबंध में व्यवाहरिक ज्ञान नही होने के कारण यह स्थिति बनी है।उन्होने कहा कि लघु उघोग भारती की मांग है कि मुख्यमंत्री सूक्ष्म एवं लघु उघोग के संबंध में दिए गए ज्ञापनो व सुझावो पर तत्काल फैसला ले जिससे लाखो श्रमिको को राहत मिल सके।

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