नर्मदा नदी के वैज्ञानिक संरक्षण हेतु केंद्र-राज्य के सहयोग से अध्ययन होगा

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Place: Bhopal                                                👤By: Admin                                                                Views: 2569

20 अप्रैल 2018। नर्मदा नदी के वैज्ञानिक ढंग से संरक्षण हेतु अब केंद्र एवं राज्य सरकार की फण्डिंग से अध्ययन होगा। उल्लेखनीय है कि नर्मदा नदी का स्वर्गीय अनिल माध्यव दवे कुछ वर्षों पूर्व अध्ययन कर रिपोर्ट दे चुके हैं तथा इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सरकारी तौर पर नर्मदा सेवा यात्रा निकाली और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह ने हाल ही में नर्मदा परिक्रमा पूरी की है। लेकिन अब नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक में स्थित भारत सरकार की इंदिरा गांधी ट्रायबल यूनिवर्सिटी नर्मदा नदी का वैज्ञानिक अध्ययन करने जा रही है तथा इस अध्ययन की रिपोर्ट केंद्र एवं राज्य सरकार को सौंप कर उसके संरक्षण का कार्य करायेगी।



इसके लिये ट्रायबल यूनिवर्सिटी में सेंटर फार सस्टेनेबल मेनेजमेंट आफ नर्मदा रिवर बेसिन स्थापित किया जा रहा है। इस सेंटर के माध्यम से आगामी दो माह के अंदर नर्मदा नदी का वैज्ञानिक ढंग से अध्ययन प्रारंभ हो जायेगा। केंद्र सरकार इसमें वित्तीय सहयोग देने का आश्वासन दिया है तथा मप्र सरकार के तीन विभागों योजना, नर्मदा घाटी विकास तथा उच्च शिक्षा ने कहा है कि इस वैज्ञानिक अध्ययन के बारे में भोपाल आकर प्रेजेन्टेशन दिया जाये, फिर उसके बाद सहायता राशि के बारे में निर्णय लिया जायेगा। ट्रायबल यूनिवर्सिटी के अधिकारी अप्रैल माह के अंत में भोपाल स्थित मंत्रालय में आकर प्रेजेन्टेशन देंगे।



ट्रायबल यूनिवर्सिटी की साईंस फेकल्टी के डीन प्रोफेसर नवीन कुमार शर्मा ने बताया कि नर्मदा नदी का अध्ययन रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट के अंतर्गत किया जा रहा है। इसमें नर्मदा नदी के उद्गम स्थल से लेकर उसके समापन स्थल तक अध्ययन किया जायेगा जिसमें नर्मदा नदी के प्रवाह को बनाये रखने, उसमें हो रहे प्रदूषण, किनारों पर वृक्षारोपण, जलीय वनस्पति एवं जीवों की रक्षा आदि के संबंध में वैज्ञानिक अध्ययन होगा। चूंकि नर्मदा नदी का उद्गम अमरकंटक से ही होता है, इसलिये यह काम ट्रायबल यूनिवर्सिटी करने जा रही है। इसमें केंद्र एवं राज्य सरकार वित्तीय सहायता करेंगे। बदले में ट्रायबल यूनिवर्सिटी उन्हें नर्मदा नदी की वस्तुस्थिति के बारे में अध्ययन रिपोर्ट उपलब्ध करायेगी जिससे वे उचित योजनायें बनाकर उसके संरक्षण का काम कर सकेंगे।





- डॉ नवीन जोशी

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