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अब पर्यवेक्षकों के पांच प्रतिशत पद पुरुष अभ्यर्थियों से भरे जायेंगे

Place: Bhopal                                                👤By: Admin                                                                Views: 1467

राज्य सरकार ने भर्ती नियमों में किया नया प्रावधान



6 जून 2018। राज्य के महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत पर्यवेक्षकों के पांच प्रतिशत पद अब पुरुष अभ्यर्थियों से भरे जायेंगे। इसके लिये राज्य सरकार ने नियमों में नया प्रावधान कर दिया है।



राज्य सरकार ने नौ साल पहले बने मप्र महिला एवं बाल विकास तृतीय श्रेणी कार्यपालिक सेवा भर्ती नियम 2009 में यह ताजा बदलाव किया है। बदलाव के बाद पर्यवेक्षक के 3409 पद स्वीकृत किये गये हैं तथा इनका वेतनमान रुपये 5200-20200 प्लास ग्रेड पे 2400 रखा गया है। पर्यवेक्षकों के इन 3409 नियमित पदों में से 50 प्रतिशत पद आंगनवाड़ी कार्यकत्र्ताओं से सीमित प्रतियोगिता द्वारा भरे जायेंगे जबकि शेष पचास प्रतिशत पद सीधी भर्ती से भरे जायेंगे जिनमें से पांच प्रतिशत पद पुरुष अभ्यर्थियों के लिये होंगे और शेष 45 प्रतिश्त पद महिला अभ्यर्थियों के लिये होंगे। सीधी भर्ती से पांच प्रतिशत कोटे के अंतर्गत पर्यवेक्षक के पद पर आने वाले पुरुष अभ्यर्थियों की पदस्थापना केवल पहाड़ी, दुर्गम एवं वनाच्छादित क्षेत्रों में होगी क्योंकि वहां महिला अभ्यर्थी नहीं जा पाती हैं।



संशोधित नियमों में राज्य सरकार ने स्पष्ट रुप से बताया है कि वर्तमान में पर्यवेक्षकों के नियमित पदों पर 2855 पर्यवेक्षक कार्यरत हैं तथा संविदात्मक पर्यवेक्षक के रुप में 554 पर्यवेक्षक कार्यरत हैं। पर्यवेक्षकों के कुल पद 3409 हैं, जैसे-जैसेे पर्यवेक्षकों के संविदात्मक पद रिक्त होंगे, वे नियमित पर्यवेक्षकों के पद में परिवर्तित हो जायेंगे।



ताजा नियमों में बताया गया है कि पर्यवेक्षक के पदों पर नियुक्ति हेतु आंगनवाड़ी कार्यकत्र्ता को बारहवीं पास और पांच वर्ष का आंगनवाड़ी कार्यकत्र्ता के रुप में कार्य करने का अनुभव होना जरुरी होगा। जबकि सीधी भर्ती से वाले पर्यवेंक्षकों के पदों के लिये अभ्यर्थी को स्नातक होना जरुरी होगा।



विभागीय अधिकारी ने बताया कि पहाड़ी, दुर्गम एवं वनाच्छादित क्षेत्रों में महिला पर्यवेक्षक नहीं जा पाती हैं, इसलिये पुरुष अभ्यर्थियों के लिये सीधी भर्ती में पांच प्रतिशत पद पर्यवेक्षकों के लिये रखने का नया प्रावधान किया गया है।



? डॉ नवीन जोशी

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