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गुमशुदा शिक्षक सरकार की आफत, 88 को खोजने में जुटा शासन

Place: Bhopal                                                👤By: Admin                                                                Views: 1631

9 जून 2018। अभी तक आपने लोगों की गुमशुदगी के विज्ञापन अखबारों में देखे होंगें, शिक्षकों के नही। लेकिन मध्य प्रदेश सरकार ने अपने 88 शिक्षकों को खोजने के लिए अखबार में विज्ञापन दिए है। जी हां प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग ने अपने ही विभाग के गुमशुदा शिक्षकों की तलाश विज्ञापन के जरिये शुरू कर दी है। विभाग ने गुमशदा मास्टरों की तलाश के लिए मास्टरों के नाम और जिले के साथ एक विज्ञापन जारी किया है। यही नही आम जनता से भी इस विज्ञापन के जरिये कहा गया है कि अगर ये शिक्षक कहीं दिखाई दे तो विभाग को खबर करें।



हमने पड़ताल की उन स्कूलों मैं जहां इन लापता शिक्षकों का नाम पढ़ने वालों में है।

अभी तक आपने बच्चो के गुमशुदगी के विज्ञापन अखबारों में खूब देखे होंगे लेकिन शिक्षकों की वो भी एक दो नही 88 शिक्षकों की गुमशुदगी के विज्ञापन आपने नही देखे होंगे।लेकिन देश के दिल कहे जाने वाले एमपी में ये अजब और गजब कवायद इन दिनों देखने को मिल रही है । जहां पुलिसया अंदाज में गुमशुदा और निगरानी बदमाश की तरह स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा विज्ञापन के माध्यम से लापता मास्टरों की तलाश शुरु की गई है ।दरअसल हाल ही में सरकार ने संविदा शाला शिक्षकों और अध्यापकों को नियमित करते हुए शिक्षा विभाग में संविलियन के फैसला लिया है ।जिसके बाद से दुबारा से प्रदेश के शासकीय स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों और व्याख्याताओं की गणना शुरु हुई। गणना में कई शिक्षक काम पर नही पाये गए जब विभाग ने जानकारी मांगाई तो पता चला की मास्टर साहब तो लापता है ।



विज्ञापन में शामिल भोपाल के उपनगर बैरागढ़ के सन्त हिरदाराम शासकीय बालक स्कूल से।

फिर स्कूल के क्लेरिकल स्टाफ से बात की क्या सुरभि जोशी जिनका नाम लापता सूची में है और आपके स्कूल में पढ़ाती है उन्होंने मना किया कि यहां पे नही हैं।



कमलेश उपाध्याय लेक्चरर "ये बता रही है कि 2008 से में यहां हूँ लेकिन सुरभि नाम की यहां नही है इनकी पोस्टिंग होगी लेकिन मैंने इसनाम की टीचर नही सुनी".





- सपना श्रीवास्तव प्राचार्य "हमारे यहां बीस साल से तो नही है ये सुरभि जोशी।हमसे विभाग ने पूछा था कि क्या ये सुरभि आपके यहाँ है हमने बता दिया नही हैं।"



दरअसल, संविदा शाला शिक्षकों को नियमित करने के सरकार के फैसले के बाद उन शिक्षकों को खोजा जा रहा है, जो रिकार्ड में तो हैं, लेकिन वर्षों से स्कूल नहीं पहुंचे। सूत्रों की माने तो कई शिक्षक गैर शैक्षणिक काम में लग गए है, तो कई मुख्यालयों और मंत्रियों के बंगलों में खातिरदारी कर रहे है जिसके चलते वे स्कूलों से गायब है।इसी के चलते शिक्षा विभाग ने ये विज्ञापन जारी किया गया है, जिसमें शिक्षकों नाम और बाकी डिटेल्स की सूची दी गई है । वहीं सरकार मानती है कि हमने विज्ञापन जारी किया है और जो शिक्षक तय सीमा में नही आएगा उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।



दीपक जोशी स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री "शिक्षकों की तलाश के लिये विज्ञापना जारी किया गया है। हम शिक्षकों की परेशानी को दूर करेगें। लेकिन जो शिक्षक तय समय सीमा में नही आएगा। उसके खिलाफ नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।"



भोपाल के दूसरे स्कूल मॉडल स्कूल में जाकर कल्पना लाला के बारे में पड़ताल की. यहां का क्लेरिकल स्टाफ बात रहा है कि इस नाम से हमारे यहां कोई नही है 2008 से तो नही।



हैरत की बात ये है कि लापता शिक्षकों की सूची में सबसे ज्यादा शिक्षक राजधानी भोपाल से गायब है इसलिये सूची में भोपाल को प्रथम स्थान पर है।



मध्य प्रदेश में 88 शिक्षक गायब

-राजधानी भोपाल से सबसे ज्यादा 8 शिक्षक

-खंडवा ग्वालियर से 7-7 शिक्षक गायब

-बैतूल उज्जैन से 6 6 शिक्षक गायब

-जबलपुर से 4 शिक्षक

-बालाघाट, शहडोल, कटनी, पन्ना, सीधी से 3-3 शिक्षक



वहीं लापता शिक्षकों के इस विज्ञापन को देख शिक्षाविद भी हैरान हैं.



अंजली नरोहना शिक्षाविद "विज्ञापन देखकर अचंभा हुआ,ऐसी स्थित बनी क्यों ये विडंबना की बात है, हर स्कूल में विजिट करने की व्यवस्था है फिर शिक्षकों के लापता होने का मतलब क्या है."



भोपाल के बेहद vvip इलाके में मौजूद सरोजनी नायडू स्कूल में जहां से निर्मला गुप्ता लापता हैं.



एच एस तोमर प्राचार्य सरोजनी स्कूल (ये 27 सालों से नही है 90 कि जोइनिंग है हमने इसकी जानकारी विभाग को दे दी है इन्हें बरखसत किया जाएगा.



मध्य प्रदेश में शिक्षा के हाल वैसे भी बेहाल हैं प्रदेश में 60 हजार से ज्यादा शिक्षकों की कमी है। 17 हजार से ज्यादा स्कूल मे एक शिक्षक है । वही प्रदेश के 4800 स्कूलों में शिक्षक हैं ही नही। यही वजह है.



एमपी के शिक्षा विभाग के गजब कारनामें पर कांग्रेस ने पूरे प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाये है।



मानक अग्रवाल अध्यक्ष मीडिया विभाग म.प्र कांग्रेस "सरकार को अब होश आया रहा है जो विज्ञापन निकले अब तक सरकार से रही थी क्या।"



इस पड़ताल से साफ निकल कर आया कि कुछ शिक्षक 5 तो कुछ 27 सालों से लापता है ऐसे में सवाल उठता है कि इतने सालों से सरकार कर क्या रही थी, वहीं लापता शिक्षकों के इस विज्ञापन को देख समझा जा सकता है कि यहां शिक्षा शिक्षक भरोसे नही भगवान भरोसे है।





? डॉ. नवीन जोशी

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