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प्रदेश के बांधों को बम विस्फोट, विष और आगजनी का खतरा

Place: Bhopal                                                👤By: Admin                                                                Views: 2424

सरकार ने द्वारा जारी कार्ययोजना रिपोर्ट में बताये ये खतरे

5 जुलाई 2018। आपदा प्रबंधन के लिये राज्य सरकार ने कार्य योजना जारी की है जिसमें प्रदेश में स्थित सत्रह निर्मित वृहद बांधों तथा 20 निर्माधीन वृहत बांधों को मानव निर्मित आपदाओं के जोखिम के अंतर्गत बम विस्फोट, विष डालने आर आगजनी के खतरे बताये गये हैं।

राज्य के जल संसाधन विभाग के कार्यालय जल मौसम द्वारा जारी कार्य योजना में बताया गया है कि बम विस्फोट से बांधों के क्षतिग्रस्त होने, बांध के विफल होने एवं बांध के निचले हिस्से के जलमग्न होने के खतरे हैं जबकि केमिकल हेजार्ड के अंतर्गत बांध के जल का विषाक्त होने का खतरा है जिससे विषाक्त जल पीने से जान जाने का जोखिम है। इसी प्रकार, आगजनी से बांध के बिजली उत्पादन केन्द्रों में टरबाईन एवं अन्य मशीनों का क्षतिग्रस्त होने का खतरा है जिससे कार्यस्थल पर उपस्थित लोगों की जान जाने का जोखिम है।

कार्य योजना में प्रदेश के सभी 51 जिलों को जोखिम या आपदा की संभावना के हिसाब से उनकी वर्गीकरण भी किया गया है। जबलपुर, दमोह, नीमच, मंदसौर, देवास, धार, खरगौन, बड़वानी, हरदा, होशंगाबाद, कटनी, नरसिंहपुर, मंडला, छिन्दवाड़ा, बालाघाट, झाबुआ, अलीराजपुर, खण्डवा तथा बुरहानपुर कुल 19 जिलों में बाढ़ आने का उच्च जोखिम बताया गया है। इसी प्रकार, सूखे का उच्च जोखिम आठ जिलों सतना, धार, बड़वानी, राजगढ़, मंडला, सिवनी, झाबुआ तथा अलीराजपुर में बताया गया है। भूकंप के उच्च खतरे में कोई जिला नहीं है परन्तु मध्यम खतरे के अंतर्गत सागर, दमोह, उमरिया, देवास, धार, इंदौर, खरगौन, बड़वानी, सीहोर, रायसेन, बैतूल, हरदा, होशंगाबाद, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, डिण्डौरी, मंडला, छिन्दवाड़ा, सिवनी, शहडोल, अनूपपूर, सीधी, सिंगरौली, झाबुआ, अलीराजपुर, खण्डवा एवं बुरहानपुर कुल 28 जिले बताये गये हैं।



ज्ञातव्य है कि केंद्र सरकार ने विभिन्न आपदाओं से होने वाली आर्थिक एवं सामाजिक क्षति से बचने के लिये वर्ष 2015 से 2030 तक पन्द्रह सालों में सभी राज्यों से उपाय करने के लक्ष्य दिया है। इसके निर्देश और आवश्यक दस्तावेज आने में समय लग गया जिससे तीन साल बाद राज्य सरकार ने आपदा से बचाव के लिये कार्ययोजना तैयार की है।



विभागीय अधिकारी ने बताया कि आपदा के आकलन एवं उससे बचाव के लिये कार्ययोजना जारी की गई है। इस पर जल संसाधन विभाग के सभी मुख्य अभियंताओं से अभिमत लिया जा रहा है तथा अभिमत लेने के बाद जल्द इस कार्ययोजना को अंतिम रुप दे दिया जायेगा।





? डॉ. नवीन जोशी

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