×

हाथ से लिखे जाति प्रमाण-पत्र भी बनेंगे डिजिटल

Place: Bhopal                                                👤By: Admin                                                                Views: 2770

लोक सेवा गांरटी के तहत मिलेगी यह सुविधा

11 जुलाई 2018। शिवराज सरकार ने हाथ लिखे जाति प्रमाण-पत्रों की डिजिटल प्रति लेने की सुविधा प्रदान कर दी है। लोक सेवा केंद्रों में आवेदन करने पर हस्तलिखित मेनुअल जाति प्रमाण-पत्र की डिजिटल प्रति मिल जायेगी। ज्ञातव्य है कि वर्तमान में कई प्रतियोगी परीक्षाओं एवं सेवाओं में डिजिटल प्रति की ही मांग की जाति है। जिन लोगों के पास हस्तलिखित मेनुअल जाति प्रमाण-पत्र हैं, वे मान्य नहीं किये जा रहे थे। इसी कारण से अब सरकार ने इन्हें डिजिटल प्रति प्रदान करने की नई सुविधा प्रदान कर दी है।









लोक सेवा प्रबंधन विभाग ने मप्र लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम 2010 के तहत सामान्य प्रशासन विभाग के अंतर्गत उक्त नई सेवा जोड़ दी है। अब कोई भी व्यक्ति जिसके पास हस्तलिखित मेनुअल जाति प्रमाण-पत्र है और वह इसकी डिजिटल प्रति चाहता है तो वह अपने क्षेत्र के अनुविभागीय राजस्व अधिकारी के समक्ष लोक सेवा गारंटी कानून के तहत आवेदन कर सकेगा तथा अनुविभागीय राजस्व अधिकारी को तीन कार्य दिवस के अंदर यह डिजिटल प्रति उसे प्रदान करना पड़ेगी। यदि अनुविभागीय राजस्व अधिकारी तीन कार्य दिवस में यह डिजिटल प्रति नहीं देता है तो आवेदक जिला कलेक्टर के समक्ष प्रथम अपील कर सकेगा तथा जिला कलेक्टर को 7 कार्य दिवस में आवेदक को डिजिटल प्रति प्रदान करना होगी। यदि जिला कलेक्टर भी 7 दिन में डिजिटल प्रति प्रदान नहीं करता है तो आवेदक संभागायुक्त के समक्ष द्वितीय अपील कर सकेगा।



एक प्रमाण-पत्र के आधार पर अन्य भी बन सकेंगे :

राज्य सरकार ने सामान्य प्रशासन विभाग के अंतर्गत एक और नई सेवा जोड़ दी है। इसके अंतर्गत यदि ऐसे नागरिक जिनके परिवार के किसी सदस्य (पिता/भाई/बहन) को पूर्व में अनुविभागीय राजस्व अधिकारी द्वारा जाति प्रमाण-पत्र जारी किया गया हो, को भी उसी आधार पर जाति प्रमाण-पत्र प्रदान कर दिया जायेगा। इसके लिये अनुविभागीय राजस्व अधिकारी के समक्ष लोक सेवा गारंटी के तहत आवेदन करना होगा तथा अनुविभागीय राजस्व अधिकारी 15 कार्य दिवस में यह जाति प्रमाण-पत्र प्रदान करेगा। यदि नहीं करता है, तो आवेदक जिला कलेक्टर के समक्ष प्रथम अपील कर सकेगा तथा जिला कलेक्टर को 30 कार्य दिवस में यह प्रमाण-पत्र प्रदान करना होगा। यदि जिला कलेक्टर भी प्रमाण-पत्र नहीं देता है तो संभागायुक्त के समक्ष द्वितीय अपील की जा सकेगी। इस नई सुविधा से अब उन लोगों को परेशानी नहीं होगी जिनके परिवार में पहले किसी सदस्य का जाति प्रमाण-पत्र बन चुका है।



विभागीय अधिकारी ने बताया कि सामान्य प्रशासन विभाग के अंतर्गत जाति प्रमाण-पत्र की दो नई सेवायें जोड़ी गई हैं। सामान्य प्रशासन विभाग जल्द इस संबंध में परिपत्र जारी करने वाला है तथा इस परिपत्र के जारी होने के बाद लोक सेवा केंद्रों या एमपी आनलाईन से ये दोनों सुविधायें मिलने लगेंगी।





? डॉ. नवीन जोशी

Related News

Global News