19 जुलाई 2018। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जल प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण सम्मति नियम 1975 में संशोधन कर उद्योगों आदि इकाईयों से लिये जाने वाले वार्षिक सम्मति यानि प्रशासकीय शुल्क में बदलाव कर दिया है।
पहले 7 अक्टूबर 2009 से लाल, नारंगी और हरे उद्योगों के लिये उनकी लागत के हिसाब से अलग-अलग सम्मति शुल्क निर्धारित था परन्तु अब इन रंगों की कैटेगरी समाप्त कर सभी तरह के उद्वोगों के लिये सम्मति शुल्क एक समान कर दिया गया है। अब 50 करोड़ रुपये या इससे अधिक के इनवेस्टमेंट वाले उद्योगों से सम्मति शुल्क कुल लागत का 0.02 प्रतिशत एवं नवीनीकरण हेतु कुल लागत का 0.01 प्रतिशत सम्मति शुल्क लिया जायेगा। दस करोड़ से 50 करोड़ रुपये तक के इनवेस्टमेंट वाले उद्योगों से 90 हजार रुपये एवं नवीनीकरण हेतु 30 हजार रुपये, 3 करोड़ से 10 करोड़ रुपये इनवेस्टमेंट वाले उद्योगों से 60 हजार रुपये एवं नवीनीकरण हेतु 22 हजार 500 रुपये, 50 लाख से 3 करोड़ रुपये इनवेस्टमेंट वाले उद्योगों से 15 हजार रुपये एवं नवीनीकरण शुल्क 5 हजार 250 रुपये तथा 50 लाख रुपये से कम इनवेस्टमेंट वाले उद्योगों से डेढ़ हजार रुपये एवं नवीनीकरण हेतु 750 रुपये सम्मति शुल्क लिया जायेगा।
जनसुनवाई शुल्क बढ़ाया :
बोर्ड ने जनसुनवाई शुल्क बढ़ा दिया है। अब 50 करोड़ रुपये से कम इनवेस्टमेंट वाले उद्योगों से 25 हजार रुपये के स्थान पर एक लाख रुपये एवं 50 करोड़ रुपये से अधिक इनवेस्टमेंट वाले उद्योगों से 50 हजार रुपये के स्थान पर 5 लाख रुपये जनसुनवाई शुल्क लिया जायेगा।
खदानों का सम्मति शुल्क एकजाई किया :
पहले खदानों के लिये सम्मति शुल्क 5 हैक्टेयर तक 2 हजार रुपये, 5 हैक्टेयर से 25 हैक्टेयर तक दस हजार रुपये, 25 हैक्टेयर से 50 हैक्टेयर तक 15 हजार रुपये, 50 हैक्टेयर से 100 हैक्टेयर तक 40 हजार रुपये, 100 हैक्टेयर से 500 हैक्टेयर तक 80 हजार रुपये, 500 हैक्टेयर से एक हजार हैक्टेयर तक डेढ़ लाख रुपये तथा एक हजार हैक्टेयर से अधिक हेतु 2 लाख रुपये सम्मति शुल्क था जिसे अब खत्म कर एकजाई कर दिया गया है यानि अब खदानों से उत्पादन सम्मति/वार्षिक सम्मति नवीनीकरण शुल्क 5 हजार रुपये प्रति हैक्टेयर लगेगा।
अन्य शुल्क भी बदले :
प्रदूषण बोर्ड ने उद्योगों/संस्थानों/इकाईयों से छह प्रावधानों यथा जीव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016, नगरीय ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016, बैट्री प्रबंधन एवं हैंडलिंग नियम 2001, परिसंकटमय और अन्य अपशिष्ट प्रबंधन और सीमापार संचलन नियम 2016, अपशिष्ट प्लास्टिक नियम 2016 और ई-अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 के अंतर्गत लिये जाने वाले पंजीयन/अनुमति/प्राधिकार हेतु प्रशासकीय शुल्क में भी बदलाव कर दिया है।
जीव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम के तहत क्लीनिक, पैथेलाजी लेबख् ब्लड बैंक एवं अन्य नान बेडेड हास्पिटल को 5 हजार रुपये शुल्क आजीवन हेतु लगेगा। चार बेड वाले हास्पिटल से हर साल 2 हजार रुपये लिये जायेंगे जबकि चार बेड से अधिक बेड वाले हास्पिटल से 200 रुपये प्रति बेड प्रति वर्ष लिये जायेंगे। जीव चिकित्सा अपशिष्ट अपवहन संस्थान से 25 हजार रुपये प्रति वर्ष तथा जीव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन में संलग्न परिवहनकत्र्ता संस्थान से 10 हजार रुपये प्रति वर्ष लिये जायेंगे।
- डॉ. नवीन जोशी
मप्र प्रदूषण बोर्ड ने सम्मति शुल्क में किया बदलाव
Place:
Bhopal 👤By: Admin Views: 4863
Related News
Latest News
- "अबराज उमर": मक्का के दिल में बसा शांति और आध्यात्मिकता का एक मिश्रण
- ‘अज्ञानी, अहंकारी’ अमेरिकियों ने ट्रंप को चुना - हॉलीवुड स्टार
- भारत ने बांग्लादेश में हिंदू साधु की गिरफ्तारी पर सवाल उठाए
- निवेश के लिए विभिन्न सेक्टर्स में उद्योगपतियों ने दिखाई रूचि : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
- मध्य प्रदेश पुलिस में डिजिटल क्रांति: 25,000 टैबलेट्स से जांच होगी हाईटेक
- मध्यप्रदेश: औद्योगिक निवेश के नए युग की ओर मुख्यमंत्री डॉ. यादव का यूके रोड शो