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फिलहाल नगरीय व पंचायत चुनावों में वीवीपेट का उपयोग नहीं होगा

Place: Bhopal                                                👤By: Admin                                                                Views: 1653

21 जुलाई 2018। वोटर वेरियेबल पेपर आडिट ट्रेल यानि वीवीपेट का उपयोग फिलहाल त्रिस्तरीय नगरीय निकायों एवं पंचायतीराज संस्थाओं के चुनावों में नहीं हो पायेगा। इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों यानि ईवीएम का उपयोग वर्ष 1998 से विधानसभा एवं लोकसभा चुनावों हेतु हुआ था और प्रदेश के नगरीय एवं पंचायत चुनावों में इसका उपयोग सोलह साल बाद वर्ष 2014 से प्रारंभ हो पाया। चूंकि अब ईवीएम के साथ वीवीपेट का भी विधानसभा व लोकसभा चुनावों में होने लगा है, इसलिये नगरीय एवं पंचायत चुनावों में इसका उपयोग होने में ऐसा ही समय लगने वाला है, क्योंकि विधानसभा व लोकसभा चुनावों की ईवीएम अलग होती हैं जबकि नगरीय व पंचायत चुनावों की ईवीएम अलग।



नगरीय एवं पंचायत चुनाव कराने वाला राज्य निर्वाचन आयोग अपनी ईवीएम मशीनों के साथ वीवीपेट को जोडऩे के लिये प्रयास कर रहा है लेकिन अभी वीवीपेट बनाने वाले भारत सरकार के उपक्रम इसके लिये तैयार नहीं हैं क्योंकि अभी उनके समक्ष विधानसभा व लोकसभा चुनाव की ईवीएम मशीनों के साथ वीवीपेट जोडऩे का काम मिला हुआ है। नगरीय एवं पंचायत चुनावों में उपयोग में आने वाली ईवीएम मशीन में 60 उम्मीदवार के नाम जुड़ सकते हैं जिसमें से 59 का उपयोग होता है और एक स्थान नोटा के लिये रखना होता है। यही नहीं, जिस नगरीय या पंचायत क्षेत्र में साठ उम्मीदार से ज्यादा होते हैं वहां मतपत्रों के माध्यम से बेलेट बाक्स के जरिये चुनाव कराना पड़ता है।



नियमों में करना पड़ा प्रावधान :

सुप्रीम कोर्ट के आदेश से अब तक नगरीय में नोटा का उपयोग प्रारंभ कर दिया गया था परन्तु 24 साल पहले बने मप्र नगर पालिका निर्वाचन नियम 1994 में इसका विधिवत प्रावधान नहीं किया गया था। अब नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने इसका प्रावधान कर दिया है।



अंग्रेजी वर्णमाला का भी हुआ नया प्रावधान :

अब प्रदेश के नगरीय एवं पंचायत चुनावों में उम्मीदवारों को एक ही फार्म में अंग्रेजी भाषा में अपना नाम भी देना होगा। पहले उनसे अलग फार्म में अंग्रेजी भाषा में नाम लिया जाता था। अंग्रेजी वर्णमाला के अनुसार ही ईवीएम या मतपत्र में उम्मीदवार का नाम क्रमानुसार लिखे जायेंगे अर्थात जिस उम्मीदवार का नाम ए से होगा उसका नाम पहले लिखा जायेगा। इसके लिये भी राज्य सरकार ने नियमों में संशोधन कर नया प्रावधान कर दिया है।



राज्य निर्वाचन आयोग भोपाल के एक अधिकारी ने बताया कि हमारी ईवीएम अलग हैं और इनकी डिजाईन भी अलग। इसलिये इनसे वीवीपेट को जोडऩे के लिये काफी समय लगेगा। नोटा का प्रावधान नियमों में नहीं था जिसे अब राज्य सरकार ने कर दिया है। हांलाकि हम लोग सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पहले से ही इसका उपयोग कर रहे हैं। उम्मीदवारों को अब एक ही नामांकन-पत्र में अपना नाम हिन्दी के अलावा अंग्रेजी भाषा में देना होगा जिससे अंग्रेजी वर्णमाला के क्रम से उनका नाम ईवीएम या मतपत्र में क्रमानुसार दिया जा सके। आने वाले नगरीय निकायों के आम चुनाव हैं, जिसमें इन नये प्रावधानों का उपयोग होगा।





- डॉ. नवीन जोशी

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