केंद्र द्वारा संरक्षित स्मारकों में फोटोग्राफर के लायसेंस हेतु होगी परीक्षा

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Place: Bhopal                                                👤By: Admin                                                                Views: 4521

9 अगस्त 2018। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा मप्र में संरक्षित पुरातत्व महत्व के प्रचीन स्मारकों में व्यवसायिक फोटोग्राफरों को लायसेंस लेने हेतु अब परीक्षा देनी होगी और समय-समय पर आयोजित रिफ्रेशर कोर्स को करना होगा। इस संबंध में एएसआई ने अपनी फोटोग्राफरों के लिये बनी नीति में संशोधन कर दिया है।



उल्लेखनीय है कि मप्र में केंद्र द्वारा संरक्षित कुल 290 प्राचीन स्मारक हैं जिनमें से तीन स्मारक खजुराहो, सांची एवं भीमबैठका विश्व धरोहर में शामिल हैं। नवीन नीति के अनुसार, अब साठ वर्ष की आयु वाला व्यक्ति भी फोटोग्राफर का लायसेंस ले सकेगा परन्तु इसके लिये उसे अपनी मेडिकल फिटनेस का प्रमाण-पत्र देना होगा। इसके अलावा इस लायसेंस को प्राप्त करने के लिये फोटोग्राफर को अपने मूल निवास का कोई एक प्रमाण-पत्र देना होगा तथा यह प्रमाण-पत्र तहसीलदार से बना निवास प्रमाण-पत्र या स्वसत्यापित पासपोर्ट की प्रति या स्वसत्यापित मतदाता पहचान-पत्र अथवा आधार कार्ड की प्रति या स्वसत्यापित राशनकार्ड की प्रति के साथ सत्यापित फोटो पहचान-पत्र हो सकेगा।



नवीन नीति के अनुसार, जिन फोटोग्राफरों के पास वर्ष 2012 के पहले से एएसआई द्वारा प्रदत्त लाईसेंस है तो उन्हें भी इसका सत्यापन कराने के लिये एएसआई द्वारा आयोजित परीक्षा एवं रिफ्रेशर कोर्स में भाग लेना होगा। इसके अलावा, फोटोग्राफर को लायसेंस प्राप्त करने या उसका नवीनीकरण कराने या पुन: सत्यापन कराने के लिये अब विश्व विरासत वाले स्मारकों के लिये 25 हजार रुपये तथा टिकट वाले और बगैर टिकट वाले अन्य स्मारकों के लिये 15 हजार रुपये शुल्क देना होगा। यदि लायसेंस प्राप्त व्यवसायिक फोटोग्राफर पर्यटकों/आगन्तुकों से फोटोग्राफी के लिये निधार्रित दरों से अधिक राशि लेता है अथवा निम्न स्तर के फोटोग्राफ उन्हें प्रदान करता है तो उसका लायसेंस निरस्त कर दिया जायेगा।



विभागीय अधिकारी ने बताया कि खजुराहो सहित अन्य पुरातत्व स्थलों में तो कोई लायसेंसी फोटोग्राफर नहीं है। नई नीति से लायसेंस प्राप्त करने कोई आयेगा तो उसे लायसेंस दिया जायेगा। आगरा के ताजमहल जैसे अत्यधिक भीड़भाड़ वाले स्मारकों में व्यवसायिक फोटोग्राफरों की तादात नियंत्रित करने के लिये यह नई नीति बनाई गई है।





- डॉ. नवीन जोशी

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