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प्रदेश में दुकानों और प्रतिष्ठानों के नेम बोर्ड हिन्दी में होंगे

Place: Bhopal                                                👤By: Admin                                                                Views: 1367

21 अगस्त 2018। प्रदेश की शिवराज सरकार अपने चुनावी एजेण्डा के तहत राज्यभर में दुकानों एवं प्रतिष्ठानों के नेम बोर्ड हिन्दी भाषा में लगाना अनिवार्य करने जा रही है। इसके लिये उसने श्रम विभाग के अंतर्गत प्रशासित मप्र दुकान एवं स्थापना अधिनियम 1958 के तहत वर्ष 1959 में बने नियमों में संशोधन प्रस्तावित कर दिया है तथा यह नया प्रावधान आगामी 9 सितम्बर,2018 के बाद पूरे प्रदेश में प्रभावशील हो जायेगा।



मप्र दुकान एवं स्थापना नियम 1959 के नियम बीस में यह नया प्रावधान जोड़ा गया है। इसमें कहा गया है कि समस्त नियोजक जिनकी स्थापना मप्र दुकान एवं स्थापना अधिनियम 1958 में पंजीकृत है, स्थापना का नाम, नाम पट्टिका (साईन बोर्ड) में हिन्दी भाषा में भी प्रदर्शित करेंगे। दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में 10-12 सितम्बर 2015 को आयोजित दसवें विश्व हिन्दी सम्मेलन में घोषणा की थी कि दुकानों एवं प्रतिष्ठानों के साईन बोर्ड हिन्दी भाषा में लिखवाये जायेंगे। अब ग्यारहवां विश्व हिन्दी सम्मेलन मॉरीशस देश के पोर्ट लुई में चल रहा है तथा इसीलिये राज्य सरकार ने अपनी इस घोषणा पर अमलीकरण प्रारंभ करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है।



उल्लेखनीय है कि प्रदेश में विशेषकर शहरों में ज्यादातर दुकानों एवं प्रतिष्ठानों के साईन बोर्ड अंग्रेजी भाषा में रहते हैं। चूंकि मप्र एक हिन्दी भाषी प्रदेश है, इसलिये हिन्दी को बढ़ावा देने के लिये यह कायदा स्थापित किया जा रहा है। इसके लिये मप्र दुकान एवं स्थापना अधिनियम 1958 एवं उसके नियमों का उपयोग किया गया है जिसमें अब तक यह प्रावधान नहीं था। नये प्रावधान में अंग्रेजी भाषा के साईन बोर्ड पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है बल्कि साईन बोर्ड में दुकान एवं प्रतिष्ठान का नाम हिन्दी में भी उल्लेखित करने का प्रावधान किया गया है।

विभागीय अधिकारी ने बताया कि भोपाल में आयेजित विश्व हिन्दी सम्मेलन में सीएम द्वारा की गई घोषणा के अनुपालन में दुकानों एवं प्रतिष्ठानों के साईन बोर्ड हिन्दी में भी लिखा जाने को अनिवार्य करने के लिये नियमों में प्रावधान प्रस्तावित किया गया है जो 9 सितम्बर के बाद प्रभावशील किया जायेगा।







- डॉ. नवीन जोशी

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