जन आशीर्वाद यात्रा पर मुख्य चुनाव आयुक्त चेता गए- आयोग के राडार पर हैं अफसर

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Place: भोपाल                                                👤By: डिजिटल डेस्क                                                                Views: 3441

29 अगस्त 2018। ओ पी रावत ने साफ कहा कि ईवीएम चीन या जापान में नहीं बनी हैं। ये सिर्फ भ्रांति है। सभी मशीनें भारत में बनी हैं और पूरी तरह सुरक्षित हैं।



मुख्य चुनाव आयुक्त ओ पी रावत और उनकी टीम का मध्य प्रदेश दौरा पूरा हो गया। दो दिन तक आयोग ने मैराथन बैठकें लीं। राजनीतिक दलों ने अपनी शिकायतें और सुझाव रखे। अफसरों ने चुनाव तैयारी का ब्यौरा आयोग के सामने रखा। मुख्य चुनाव आयुक्त ने सारी तैयारी की समीक्षा की।



भोपाल से रवाना होने से पहले मुख्य चुनाव आयुक्त ओ पी रावत ने पत्रकारों से चर्चा की। जन आशीर्वाद यात्रा में सरकारी खर्च और अफसरों के सहयोग पर सीईसी साफ कह गए कि अफसर चुनाव आयोग के राडार पर हैं। हमारी हर चीज़ पर नज़र है। वो अफसरों को ताकीद कर गए कि कोई भी पक्षपात पूर्ण रवैया नहीं अपनाएं। ओ पी रावत ने साफ कहा कि ईवीएम चीन या जापान में नहीं बनी हैं। ये सिर्फ भ्रांति है। सभी मशीनें भारत में बनी हैं और पूरी तरह सुरक्षित हैं।



मतदाता सूची को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त ओ पी रावत ने सफाई दी है कि उसकी कई पैरामीटर पर जांच होती है। आधार लिंकिंग की मांग की गयी, लेकिन इससे संबंधित याचिका फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में याचिका लंबित है, इसलिए उसके बाद ही कोई फैसला हो पाएगा।



उन्होंने बताया कि इस चुनाव में आयोग की थीम है सुगम निर्वाचन। दिव्यांग मतदाताओं के लिए विशेष सुविधा दी जाएगी। 4 राज्यों में प्रेक्षक भेजे जाएंगे। जो दिव्यांगों के लिए काम करेंगे। एक पोलिंग बूथ पर कम से कम 757 वोटर रहेंगे। आयोग ने वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। इस बार 80% का लक्ष्य है।



सोशल मीडिया पर प्रचार के संबंध में उन्होनें कहा की सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए हम ने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म प्रदाताओं से चर्चा की है वे इस संबंध में हमें जानकारियां साझा करने के लिए तैयार है।



ओ पी रावत ने बताया, राजनैतिक दलों ने फेयर इलेक्शन के लिए सेंट्रल सुरक्षा एजेंसियों की मांग की है। कुछ दलों ने जाति और धर्म के आधार पर वोट मांगने, अवैध शराब, हिंदी भाषी प्रेक्षक, सिंगल विंडो सिस्टम और बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग रखी है।



2015 में बिहार चुनाव में 17 सुरक्षा कर्मियों की मौत इलाज के अभाव में हो गयी थी। यहां ऐसी स्थिति ना बने इसलिए चिकित्सा सुविधा कैशलेस रहेगी. सिटिज़न विजिलेंस सिस्टम लागू होगा। खुद सिटिज़न फोटो खींचकर स्थानीय स्तर पर अधिकारी को दे सकेगा। इससे 10 मिनट में स्थिति पता चल जाएगी।



मुख्य चुनाव आयुक्त ने फिर दोहराया कि संविधान में संशोधन के बिना वन नेशन वन इलेक्शन संभव नहीं है।

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