1965 के अधिनियम में किया संशोधन
10 सितंबर 2018। राज्य का स्कूल शिक्षा विभाग अब निजी माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शालाओं को मान्यता और उसके नवीनीकरण हेतु ली जाने वाली फीस से वाहन भी खरीद सकेगा। इसके लिये मप्र माध्यमिक शिक्षा अधिनियम 1965 के तहत बने मप्र माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शालाओं की मान्यता नियम 2017 में संशोधन किया गया है।
उल्लेखनीय है कि उक्त निजी स्कूलों को मान्यता देने हेतु राज्य सरकार 250 विद्यार्थियों हेतु हाईस्कूल से 25 हजार रुपये एवं हायर प्लस उच्चतर माध्यमिक स्कूल से 40 हजार रुपये, 251 से 500 विद्यार्थी हेतु 35 हजार रुपये एवं 50 हजार रुपये, 501 से 750 विद्यार्थी हेतु 50 हजार रुपये एवं 75 हजार रुपये तथा 751 से अधिक विद्यार्थी होने पर 75 हजार रुपये एवं एक लाख रुपये एकमुश्त मान्यता एवं नवीनीकरण के लिये सुरक्षा डिपाजट लेता है। इसके अलावा वह मान्यता शुल्क के रुप में हाईस्कूल से 20 हजार रुपये एवं हायर सेकेण्ड्री हेतु 25 हजार रुपये लेता है।
पहले नियमों में प्रावधान था कि मान्यता एवं नवीनीकरण से प्राप्त शुल्क का उपयोग स्कूल शिक्षा विभाग इन निजी विद्यालयों के निरीक्षण हेतु किराये पर लिये गये वाहनों के लिये कर सकेगा। लेकिन अब संशोधन कर प्रावधान कर दिया गया है कि निरीक्षण हेतु किराये के वाहन अथवा वाहन खरीदी में शुल्क का उपयोग हो सकेगा।
पहले नियमों में प्रावधान था कि मान्यता समिति का किसी निजी स्कूल को मान्यता/नवीनीकरण देने या न देने संबंधी विनिश्चय अंतिम तथा स्कूल पर बंधनकारी होगा लेकिन अब संशोधन कर इस प्रावधान को खत्म कर दिया गया है। अब मान्यता समिति के निर्णय के विरुध्द 30 दिन के अंदर मान्यता समिति के समक्ष रिव्यु पिटिशन दी जा सकेगी। लेकिन वर्तमान शैक्षणिक सत्र वर्ष 2018-19 में 45 दिन के अंदर मान्यता समिति के समक्ष रिव्यु पिटिशन दिये जाने का प्रावधान किया गया है। रिव्यु पिटिशन में आया निर्णय अंतिम एवं बंधनकारी होगा।
विभागीय अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार ने निजी हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्ड्री स्कूलों की मान्यता संबंधी नियमों में संशोधन किया है। इसमें वाहन क्रय करने एवं रिव्यु पिटिशन का नया प्रावधान किया गया है।
अब निजी स्कूलों को मान्यता के शुल्क से वाहन भी खरीदे जा सकेंगे....
Place:
Bhopal 👤By: PDD Views: 2432
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