सांसदों और विधायकों को विकास प्राधिकरणों की आवासीय योजनाओं में 18 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा
13 सितंबर 2018। प्रदेश के विकास प्राधिकरणों की आवासीय योजनाओं में अब सांसदों/विधायकों को 18 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। आरक्षण का यह प्रतिशत अजाजजा एवं ओबीसी को दिये आरक्षण से भी कहीं अधिक होगा। यह नया प्रावधान राज्य सरकार ने मप्र विकास प्राधिकरणों की सम्पत्तियों का प्रबंधन तथा व्ययन नियम, 2018 में किया है जो 14 सितम्बर 2018 के बाद प्रभावशील हो जायेंगे।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश में दस विकास प्राधिकरण भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, देवास, रतलाम, कटनी, अमरकंटक और सिंगरौनी नगरों में स्थित हैं जबकि पांच विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण ग्वालियर काउन्टर मेग्नेट, पचमढ़ी, खजुराहो, महेश्वर-मण्डलेश्वर तथा ओरछा में स्थित हैं। नवीन प्रावधान के अनुसार, इन पन्द्रह विकास प्राधिकरणों की आवासीय योजनाओं में सांसदों/विधायकों को केवल हायर इनकम ग्रुप यानि एचआईजी आवासों में ही यह 18 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। पिछले बहुत सालों पहले प्राधिकरणों की आवासीय योजनाओं में सांसदों/विधायकों को 6 प्रतिशत आरक्षण मिलता था लेकिन कालांतर में यह आरक्षण देना बंद कर दिया गया था। लेकिन अब नियमों में प्रावधान कर यह 18 प्रतिशत का आरक्षण उन्हें दिया जायेगा।
दरअसल राज्य सरकार ने वर्ष 1975 में पहली बार विकास प्राधिकरणों की सम्पत्तियों का प्रबंधन तथा व्ययन नियम बने थे जिन्हें बाद में निरस्त कर 29 जून, 2013 को नये नियम बनाये गये। लेकिन पांच साल बाद इन नियमों को भी निरस्त कर अब फिर नये नियम बना दिये गये हैं। पहले के नियमों में प्राधिकरणों की आवासीय योजनाओं में विभिन्न वर्गों को आरक्षण का प्रावधान नहीं था तथा सिर्फ एक्जीक्युटिव आदेश से आरक्षण दिया जाता था। लेकिन अब आरक्षण का प्रावधान नियमों में भी कर दिया गया है।
नये नियमों में प्राधिकरणों की आवासीय योजनाओं में अब अनुसूचित जाति को दस प्रतिशत जिसमें अजा महिलाओं को 2 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति को 15 प्रतिशत जिसमें 2 प्रतिशत अजजा महिलाओं को, अन्य पिछड़ा वर्ग को 6 प्रतिशत जिसमें ओबीसी महिलाओं को 2 प्रतिशत, प्राधिकरण के कर्मचारियों को 2 प्रतिशत, स्वतंत्रता सेनानियों या उनकी धर्मपत्नी को 4 प्रतिशत, सेना के अधिकारियों एवं पूर्व सेना अधिकारियों को 2 प्रतिशत, पत्रकार/रिपोर्टर को 3 प्रतिशत, दिव्यांगों को 4 प्रतिशत, सामान्य वर्ग की महिलाओं को सामान्य वर्ग के अंश से 5 प्रतिशत तथा सांसदों/विधायकों को केवल एचआईजी आवासों में 18 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा।
यह भी हुये नये प्रावधान :
- विकास प्राधिकरण आवासों की बिक्री आनलाईन बोलियों द्वारा भी कर सकेंगे।
- आडिटोरियम बनाने हेतु भी प्राधिकरण से रियायती दर पर भूमि मिल सकेगी।
- पट्टा अवधि समाप्त होने पर उसका नवीनीकरण किया जा सकेगा तथा पट्टा की शर्तों के उल्लंघन पर समझौता शुल्क लेकर उसका निपटारा किया जा सकेगा।
- पट्टे का अंतरण अधिकतम 5 हजार रुपये शुल्क लेकर किया जा सकेगा।
एक विभागीय अधिकारी ने बताया कि पहले प्राधिकरणों की आवासीय योजनाओं में आरक्षण का नियमों में प्रावधान नहीं था तथा कार्यकारी आदेश से आरक्षण दिया जाता था, लेकिन अब नियमों में इसका प्रावधान किया गया है।
भोपाल विकास प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि पिछले तीन साल से भोपाल विकास प्राधिकरण की कोई आवासीय योजना संचालित नहीं है। इससे पहले सांसदों/विधायकों को कार्यकारी आदेश से 6 प्रतिशत आरक्षण मिलता था।
- डॉ. नवीन जोशी
सांसदों और विधायकों को आरक्षण ...
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Bhopal 👤By: डिजिटल डेस्क Views: 1510
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