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अब दिवंगत मीसाबंदियों की पत्नियों को भी मिलेगा सम्मान राशि

Place: Bhopal                                                👤By: PDD                                                                Views: 1405

3 अक्टूबर 2018। राज्य के ऐसे मीसाबंदी जिन्हें राज्य सरकार की लोकतंत्र सेनानी सम्मान निधि नहीं मिली है और वे दिवंगत हो गये हैं, तो उनकी पत्नियों द्वारा आवेदन किये जाने पर उन्हें भी यह सम्मान निधि दी जायेगी। यह नया प्रावधान मप्र लोकतंत्र सेनानी अधिनियम 2018 के तहत पहली बार बनाये मप्र लोकतंत्र सेनानी सम्मान नियम 2018 में किया गया है।



ज्ञातव्य है कि 43 साल पहले वर्ष 1975 में आपातकाल के दौरान जो मीसाबंदी एक माह से कम समय के लिये जेल में बंद रहे हैं उन्हें राज्य सरकार 8 हजार रुपये तथा जो एक माह से अधिक समय तक जेल में बंद रहे हैं उन्हें 25 हजार रुपये प्रति माह सम्मान निधि दे रही है। इनमें जिन मीसाबंदियों की सम्मान निधि लेते रहने के दौरान मृत्यु हो जाती है उनकी पत्नियों को भी सम्मान निधि दी जाती है लेकिन वह सम्मान निधि का आधा होता है। यानि क्रमश: 4 हजार रुपये एवं 12 हजार 500 रुपये प्रति माह। यही आधी राशि अब उन दिवंगत लोकतंत्र सेनानियों की पत्नियों कों भी मिलेगी जो इस सम्मान राशि के लिये आवेदन नहीं कर पाये थे या उन्हें सम्मान निधि स्वीकृत नहीं हो पाई थी। यदि ऐसा दिवंगत लोकतंत्र सेनानी महिला है तो उसके पति को यह सम्मान राशि दी जायेगी।





ये भी किये प्रावधान :

- लोकतंत्र सेनानी की मृत्यु होने पर उसकी अन्त्येष्टि में कलेक्टर द्वारा नामांकित द्वितीय श्रेणी का अधिकारी अनिवार्य रुप से उपस्थित रहेगा तथा अन्त्येष्टि हेतु 5 हजार रुपये की सहायता परिवार के प्रमुख को दी जायेगी।



- लोकतंत्र सेनानी या उसकी पत्नि या पति को गंभीर बीमारी पर जिले के मुख्य चिकित्सा द्वारा प्रमाणीकरण किये जाने पर चिकित्सा अनुदान राशि स्वीकृत की जायेगी। यह स्वीकृत राशि राज्य बीमारी सहायता निधि अथवा आयुष्मान भारत में स्वीकृत राशि के समतुल्य होगी।



- यदि आवेदक शारीरिक या आर्थिक विपन्नता के कारण मीसाबंदी या डीआईआर के तहत जेल में बंद रहने संबंधी दस्तावेज प्राप्त करने में असमर्थ है तो उसके निवेदन पर दस्तावेज प्राप्त करने में जिला कलेक्टर आवश्यक सहयोग कर सकेगा।



- सम्मान राशि के आवेदनों को स्वीकृत या अस्वीकृत करने के लिये जिले के प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में एक समिति गठित होगी।

- इन नये नियमों के तहत सम्मान राशि प्राप्त करने हेतु आवेदन 90 दिन के अंदर किया जाना आवश्यक होगा। लेंकिन जो वर्ष 2008 से निरन्तर सम्मान निधि प्राप्त कर रहे हैं, उन्हें पुन: आवेदन करने की जरुरत नहीं होगी।

लोकतंत्र सेनानियों के लिये पहले कानून बना और अब नियम बन गये हैं।



लोकतंत्र सेनानी संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैलाश सोनी ने बताया कि अब ऐसे लोकतंत्र सेनानी जिन्हें सम्मान निधि नहीं मिली है और वे दिवंगत हो गये हैं, उनकी पत्नियों को भी सम्मन निधि मिल सकेगी। प्रदेश में इस समय करीब 3 हजार लोकतंत्र सेनानी हैं जिन्हें सम्मान निधि मिल रही है। देश में मीसाबंदियों की संख्या एक लाख 10 हजार है जिन्हें रेल्वे यात्रा का नि:शुल्क पास दिलाने के लिये केंद्र सरकार से मांग की गई है। अगले सप्ताह वे इस संबंध में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बुलावे पर उनसे चर्चा भी करने जा रहे हैं। केंद्र से यह भी मांग है कि जिन राज्यों में मीसाबंदियों को सम्मान राशि नहीं मिल रही है उन्हें केंद्र सरकार यह सम्मान राशि प्रदान करे।



- डॉ. नवीन जोशी

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