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नई वायु सम्पर्कता नीति के तहत प्रदेश में सी प्लेन भी चल सकेंगे..

Place: Bhopal                                                👤By: Digital Desk                                                                Views: 1304

9 नवंबर 2018। राज्य सरकार की नई वायु सम्पर्कता नीति प्रभावशील हो गई है तथा इस नीति के तहत प्रदेश में सी प्लेन यानि पानी में लैंड एवं टेक आफ करने वाले हवाई जहाज भी चल सकेंगे। साथ ही सिंगल एंजिन विमान और हेलीकाप्टर भी चलाये जा सकेंगे।



दरआल राज्य सरकार ने वर्ष 2014 में पहली बार प्रदेश को वायु सेवा से जोडऩे के संबंध में नीति बनाई थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने वर्ष 2016 में पूरे देश के लिये विमानन प्रोत्साहन नीति जारी की जिसके तहत छोटे नगरों को वायु सेवा से जोडऩे के लिये विमान चलाने वाले निजी क्षेत्र को प्रोत्साहन राशि का प्रावधान है। केंद्र की नीति के तहत निजी क्षेत्र एक घण्टे का किराया ढाई हजार रुपये से ज्यादा नहीं ले पायेगा तथा लागत इससे अधिक आती है तो उसकी तीन साल तक भरपाई केंद्र सरकार करेगी। इस भरपाई में केंद्र का हिस्सा 80 प्रतिशत तथा राज्य का हिस्सा बीस प्रतिशत रहता है। लेकिन इसके बावजूद सिर्फ ग्वालियर शहर को जोडऩे वाली विमान सेवा ही प्रारंभ हो सकी। इसीलिये अब राज्य सरकार ने अपनी वर्ष 2014 की नीति निरस्त कर नई नीति वर्ष 2018 जारी की है जिसमें केंद्र की योजना के साथ-साथ राज्य सरकार भी तीन साल तक प्रोत्साहन राशि देगी।













राज्य सरकार की नई नीति के तहत जो विमानन कंपनियां केंद्र सरकार की वायु सम्पर्कता नीति में पंजीबध्द होंगे उन्हें ही राज्य सरकार यह प्रोत्साहन राशि अदा करेगी। इसके लिये 80 सीटर से 9 सीटर तक के विमानों की श्रेणियां बनाई गई हैं। 9 सीटर विमान को एक उड़ान पर 40 हजार रुपये तथा माह में अधिकतम 12 लाख रुपये एवं 80 सीटर विमान की एक उड़ान पर 2 लाख रुपये एवं माह में अधिकतम 60 लाख रुपये प्रोत्साहन राशि के रुप में दिये जायेंगे।



विभागीय अधिकारी ने बताया कि केंद्र की योजना में पंजीकृत विमानन कंपनियों को राज्य की नई नीति के तहत प्रोत्साहन राशि दी जायेगी तथा उन्हें घाटा न हो। इसमें सी प्लेन भी चलाये जा सकेंगे। निजी क्षेत्र की वे विमानन कंपनियां जिनके पास सिंगल एंजिन वायुयान एवं हेलीकाप्टर हैं, वे भी केंद्र की योजना में पंजीयन करा रहे हैं। उनके पंजीयन एवं उन्हें राज्य में रुट मिलने पर उन्हें इस नई नीति के तहत लाभ दिया जायेगा।







- डॉ. नवीन जोशी

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