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जीएसटी के राज्य कानून में अध्यादेश के जरिये किये गये उन्चालीस संशोधन

Place: Bhopal                                                👤By: डिजिटल डेस्क                                                                Views: 1545

राज्यपाल ने आचार संहिता के बीच जारी किया अध्ययादेश

09 दिसंबर 2018। गत वर्ष 1 जुलाई 2017 से राज्य में प्रभावशील हुये एमपी गुड्स एण्ड सर्विस टैक्स एक्ट में सत्रह माह बाद अध्यादेश के जरिये संशोधन किया गया है। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने विधानसभा आम चुनाव की आचार संहिता के बीच इस अध्यादेश को जारी किया है तथा अब यह अध्यादेश आगामी छह माह तक लागू रहेगा और इसे स्थाई बनाने के लिये 11 दिसम्बर के बाद आने वाली नई राज्य सरकार इसे विधानसभा में विधेयक लाकर पारित करायेगी।



पुराने जीएसटी कानून में 174 धारायें और तीन अनुसूचियां हैं। इनमें अध्यादेश के जरिये 36 धाराओं और तीनों अनुसूचियों में संशोधन किया गया है। अध्यादेश के जरिये ये संशोधन इसलिये करने पड़े हैं क्योंकि इन सत्रह माहों में कई तकनीकी कमियां एवं त्रुटियां परिलक्षित हुई थीं। इससे न्यायालय में राज्य सरकार को अप्रिय स्थिति का भी सामना करना पड़ रहा था।



अध्यादेश के जरिये जो संशोधन हुये हैं उनमें एक यह भी है कि केन्द्रीय उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क बोर्ड के स्थान पर केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड किया गया है। इसके अलावा पुराने कानून में विशेष प्रवर्ग राज्यों के नाम नहीं दिये गये थे जबकि अध्यादेश में इन विशेष प्रवर्ग राज्यों के नाम यथा जम्मू कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, आसाम, हिमाचल प्रदेश, मेघालय, सिक्किम तथा उत्तराखण्ड उल्लेखित किया गया है। इसी प्रकार, अनुसूची एक में कराधेय व्यक्ति के स्थान पर व्यक्ति शब्द तथा अनुसूची दो में 'क्रियाकलापों' शब्द के बाद शब्द 'या संव्यवहारों' पर स्थापित किया गया है। इसी प्रकार अनुसूची तीन में नया पैरा स्थापित किया गया है कि 'भारत के बाहर किसी स्थान से, भारत के बाहर किसी अन्य स्थान पर माल का, ऐसे माल के भारत में प्रवेश किये बिना प्रदाय।'



विभागीय अधिकारी ने बताया कि एमपी जीएसटी कानून में महामहीम राज्यपाल के माध्यम से अध्यादेश के जरिये संशोधन किये गया है। ये संशोधन तकनीकी एवं लीगल स्वरुप के हैं तथा इनका बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं है।



- डॉ. नवीन जोशी



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