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मॉम टू मॉम स्कूल का एनुअल फंक्शन 'ध्वनि'

Place: Bhopal                                                👤By: डिजिटल डेस्क                                                                Views: 1792

बच्चों ने शानदार प्रस्तुतियों से मोहा मन

18 दिसंबर 2018। नन्हें मुन्नों के थिरकते पांवों ने माघ की सर्द रात में भी माहौल में गर्मी ला दी। इन नन्हे मुन्नों की अदाकारी का हर कोई कायल हो गया। समूह नृत्य हो या फिर फोक डांस में बिखरते विभिन्न संस्कृतियों के रंग, सभी प्रस्तुतियों में बच्चों ने ऐसा रंग भरा कि कुशल कलाकार भी इनके मुरीद हो जाएं। बच्चों के पांवों की चपलता से लेकर चेहरे की भाव भंगिमा और लोच के बीच गजब का तालमेल और संतुलन जो अच्छे-अच्छों को आश्चर्यचकित कर दे। यह खूबसूरत नजारा देखने मिला रवीन्द्र भवन में। मौका था मॉम टू मॉम स्कूल के वार्षिकोत्सव 'ध्वनि' का। कार्यक्रम में स्कूल के नन्हें मुन्ने बच्चों ने अपनी शानदार प्रस्तुतियों से मन मोह लिया। इस दौरान पैरेंट्स के लिए पिंक और ब्लैक ड्रेस कोड भी रखा गया था।



रंगारंग कार्यक्रमों में नृत्य एवं संगीत की प्रस्तुतियों में स्कूली बच्चों ने अपनी प्रतिभा को बखूबी प्रदर्शित किया। छोटे बच्चों की प्रतिभा देखकर हर कोई दंग रह गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की आराधना से हुआ। इसके बाद शुरू हुआ बच्चों की मस्ती और प्रतिभा के अनूठे मेल से तैयार प्रस्तुतियों का सिलसिला जिसने ऑडिटोरियम में मौजूद हर शख्स को झूमने पर मजबूर कर दिया। अपने नन्हें बच्चों की प्रस्तुतियों को लेकर स्कूल की टीचर्स जितना संतुष्ट थी, बच्चों के पैरेंट्स उतने ही उत्साहित। कार्यक्रम के दौरान दो विशेष प्रस्तुतियां पैरेंट्स के लिए भी रखी गइंर्। इन्हें देखकर अभिभावक कुछ भावुक होते भी नजर आए। स्टेज पर जैसे ही बच्चों की टोली प्रस्तुति के लिए आती पूरा ऑडिटोरियम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठता। बच्चों की क्यूट अदाओं ने मौजूद सभी गेस्ट का मन मोह लिया।



कार्यक्रम की खास बात यह भी थी कि बच्चों की इन प्रस्तुतियों में प्राचीनता, आधुनिकता और संस्कृति का अद्भुत संगम नजर आया। प्रस्तुतियों के दौरान बच्चे एक-दूसरे के रंग में इस तरह रंग गए थे कि पैरेंट्स भी उन्हें स्टेज पर पहचानने की जद्दोजहद में लगे थे।

इस अवसर पर स्कूल की प्राचार्या प्रीति वर्मा ने आभार प्रदर्शित करते हुए कहा कि 'बच्चे अद्भुत प्रतिभा के धनी होते हैं। हमारी कोशिश है कि हम बच्चों के ऑलओवर डेवलपमेंट पर काम कर सकें। हमारा यही प्रयास रहता है कि बच्चों को स्टडीज बोझ न लगे। वह फन लविंग वे में सबकुछ आराम से सीखते जाएं। हमारा यह वार्षिकोत्सव भी इसी प्रयास की एक कड़ी है।'



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