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प्रदेश के स्कूलों के आसपास जलसे और जुलूस प्रतिबंधित....

Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 1452

4 फरवरी 2019। राज्य शासन ने प्रदेश के सभी सरकारी एवं निजी स्कूलों के आसपास जलसे एवं जुलूस प्रतिबंधित कर दिये हैं। इस संबंध में सभी कलेक्टर सह जिला मिशन संचालक एवं जिला पंचायतों को मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिये गये हैं।

दरअसल इस संबंध में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने स्कूलों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की सुरक्षा हेतु सावधानियों के संबंध में एक मेनुअल जारी किया है तथा इसी के तहत राज्य सरकार ने ये नवीन निर्देश जारी किये हैं। निर्देशों में कहा गया है कि स्कूल परिसर में त्यौहारों/उत्सव आयोजन के समय बच्चों की सुरक्षा हेतु स्कूल में अनुशासन का पर्याप्त ध्यान रखा जाये। संवेदनशील एवं खतरनाक क्षेत्रों में बच्चों के आवागमन को प्रतिबंधित रखा जाये एवं किसी भी तरह के जलसे/जुलूस आदि स्कूल परिसर के आसपास से निकलने की अनुमति न दी जाये। किसी भी कार्यक्रम के आयोजन के पूर्व स्कूल प्रमुख सभी अधिनस्थों को बच्चों की सुरक्षा के संबंध में जागरुक करें।



राज्य सरकार ने अपने निर्देशों में यह भी कहा है कि स्कूल परिसर में स्थित कुआं, तालाब को सुरक्षा दीवार अथवा लौहे की जाली से बंद रखा जाये एवं बच्चों को वहां जाने से रोका जाये। नदी, नहर, तालाब, पानी की टंकी आदि में स्नान करने से ब्चचों को रोका जाये। स्कूल संचालन के समय बच्चों को स्कूल परिसर से बाहर न जाने दिया जाये। धार्मिक उत्सव के समय या अन्य मौकों पर बच्चों को नदी, तालाब अथवा कुयें में मूर्ति विसर्जन में न जाने दिया जाये। इसी प्रकार, यथासंभव स्कूल परिसर रेल्वे ट्रेक से दूर होना चाहिये। यदि फिर भी स्कूल रेल्वे ट्रेक के समीप स्थित है तो समय-समय पर स्ट्रेक्चरल सेफ्टी का ध्यान रखें। स्कूल इण्डस्ट्री अथवा रासायनिक फैक्ट्री से दूर सुरक्षित पर्यावरण में होना चाहिये। स्कूल के आसपास शराब, अफीम/भांग आदि की दुकान नहीं होना चाहिये। इसके अलावा स्कूल के क्लासरुम में नियमित अंतराल से सफेदी पुतवायें, खिड़कियों के ग्लास टूटे-फूटे न हों, कक्ष में पर्याप्त रोशनी हो, फर्श क्रेक आदि की स्थिति में नियमित अंतराल से मरम्मत कराई जाये। नर्सरी एवं प्राथमिक स्तर की कक्षायें भू-तल पर लगनी चाहिये एवं स्कूल भवन अधिकतम तीन मंजिल से अधिक नहीं होना चाहिये।









- डॉ. नवीन जोशी

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