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प्रदेश में मोबाईल टावर लगाने की नई नीति जारी

Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 1983

जिला कलेक्टर की अध्यक्षता वाली समिति देगी अनुमति,6 साल पुरानी नीति में हुआ परिवर्तन

22 मार्च 2019। राज्य की कमलनाथ सरकार ने प्रदेश के नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाईल कनेक्टिविटी देने हेतु टावर लगाने, भूमिगत केबल डालने की नई नीति जारी कर दी है। इस नई नीति के तहत वाइस या डाटा पहुंच सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों को टावर आदि लगाने हेतु विधिवत अनुमति हेतु जगह-जगह भटकना नहीं पड़ेगा तथा जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में बनी कमेटियों से इसकी अनुमति मिल जायेगी। यही नहीं मप्र इलेक्ट्रानिक विकास निगम आनलाईन आवेदन एवं अनुमति हेतु एक पोर्टल भी तैयार कर रहा है जिससे ऐसी अनुमति लेना और आसान हो जायेगा।



नई नीति को "मप्र में दूरसंचार सेवा/इंटरनेट सेवा/अवसंरचना प्रदाताओं द्वारा वायर लाईन या वायरलेस आधारित वाइस या डाटा पहुंच सेवायें उपलब्ध करने के लिये अवसंरचना की स्थापना को सुगम बनाने हेतु नीति 2019" नाम दिया गया है। इस नई नीति से राज्य के सभी हिस्सों में टेली डेन्सिटी तथा इंटरनेट के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा और किफायती, विश्वसनीय, उच्च गति वाली तथा मांग आधारित वाइस एवं डाटा पहुंच सेवायें उपलब्ध हो सकेंगी। यह नई नीति छह साल पहले इस संबध में बनी "मप्र राज्य में 4जी ब्रांड बैंड वायर लाइन तथा वायरलेस पहुंच सेवायें उपलब्ध कराने हेतु विनियामक प्रक्रिया नीति 2013" का स्थान लेगी। इस नई नीति की वैधता 2023 तक निर्धारित की गई है।



नई नीति के अनुसार, अब मोबाईल एवं डाटा पहुंच सेवा प्रदाता कंपनियां प्रदेश के नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शासकीय एवं निजी भवनों तथा भूमियों पर मोबाइल टावर लगा सकेंगी और भूमिगत केबल भी बिछा सकेगी। निजी भवन या भूमि पर अनुमति उसके स्वामी से अनुबंध के आधार पर लेनी होगी। परन्तु यह अनुमति शैक्षणिक संस्थाओं के परिसरों, शासकीय चिकित्सालयों, सार्वजनिक उद्यानों तथा खेल मैदानों के परिसरों में अवसंरचना स्थापित करने के लिये नहीं मिलेगी। नगरीय क्षेत्रों में टावर लगाने हेतु अधिकतम 30 गुणित 30 फुट यानि 900 वर्गफुट पर तथा ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतम 35 गुणित 35 फुट यानि 1225 वर्गफुट क्षेत्रफल में यह अनुमति मिल सकेगी। छत पर लगाये जाने वाले टावर में बिजली तथा सुरक्षा आदि की व्यवस्था संबंधित कंपनी को स्वयं करना होगी। अनुज्ञप्ति शुल्क संबंधित भूमि या संपत्ति की कलेक्टर गाईड लाईन से निकले मूल्य के बीस प्रतिशत के बराबर होगा। स्मार्ट सिटी में ऐसी अवसंरचना स्थापित करने के लिये स्मार्ट सिटी कंपनी से अनुमति लेना होगी।



विभागीय अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में मोबाईल कनेक्टिविटी बढ़ाने हेतु टावर लगाने आदि हेतु नई नीति जारी की गई है। इसके तहत कंपनियों को अनुमति हेतु अलग-अलग स्थानों पर नहीं जाना पड़ेगा तथा जिलों में कलेक्टर की अध्यक्षता में बनी समितियों के माध्यम से अनुमति मिल जायेगी। इलेक्ट्रानिक विकास निगम आनलाईन अनुमति हेतु पोर्टल तैयार कर रहा है। तीन माह के अंदर यह सुविधा प्रारंभ हो जायेगी।





(डॉ नवीन जोशी)

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