8 अप्रैल 2019। प्रदेश में मीसाबंदियों की पेंशन अब बैंकों ने रोक दी है। पिछले दिसम्बर माह से अब चार माह से इन पौने तीन हजार मीसाबंदियों को मासिक पेंशन का भुगतान नहीं हो पा रहा है।
ज्ञातव्य है कि कमनलाथ सरकार ने पिछली शिवराज सरकार के समय प्रारंभ हुई मीसाबंदी पेंशन को सत्यापन के नाम पर रोक दी थी। जब इसका चौतरफा विरोध हुआ तो उसने पुन: आदेश जारी कर दिया कि सत्यापन के बाद मासिक पेंशन का भुगतान किया जा सकता है। लेकिन इसके बाद भी अब तक भुगतान प्रारंभ नहीं हुआ है।
राज्य के छह जिले तो ऐसे हैं जहां जिला कलेक्टर ने कोषालयों और कोषालयों ने बैंकों को पेंशन के भुगतान हेतु लिख दिया लेकिन संबंधित बैंक शाखाओं ने भुगतान हेतु अपने बैंक मुख्यालय से परामर्श मांग लिया तथा बैंक मुख्यालय इस पर कोई परामर्श नहीं दे रहे हैं। इन छह जिलों में शामिल हैं : होशंगाबाद, बैतूल, राजगढ़, छतरपुर, उज्जैन एवं छिन्दवाड़ा। राजधानी वाले भोपाल जिले में स्थिति तो सबसे अलग है। यहां जिला कलेक्टर ने यह लिख कर पेंच अड़ा दिया है कि कई मीसाबंदियों के पंचनामा ठीक नहीं हैं। दिलचस्प बात यह है कि शासन स्तर पर मीसाबंदियों की पेंशन रोके जाने के कोई आदेश नहीं हैं। बैंक अपने स्तर पर ही इसका भुगतान रोके हुये हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि पिछली शिवराज सरकार मीसाबंदियों को पेंशन देने का कानून एवं नियम बना चुकी है। ऐसे में कानूनन पेंशन देना बाध्यकारी है।
विभागीय अधिकारी ने बताया कि मीसाबंदियों को मासिक पेंशन भुगतान शासन स्तर पर नहीं रोकी गई है। संबंधित जिला कलेक्टरों को ही इसका भुगतान करवाना है।
- डॉ. नवीन जोशी
मीसाबंदियों की पेंशन अब बैंकों ने रोकी
Place:
Bhopal 👤By: DD Views: 1525
Related News
Latest News
- 🔥 AI की सुनामी से मचेगी तबाही! 2033 तक आधी दुनिया हो सकती है बेरोज़गार | 10,000 से अधिक पत्रकार भी बेरोज़गार हुए!
- ट्रंप चाहते हैं शी जिनपिंग से सीधी बात, चीन पर बढ़ा रहे हैं दबाव – रिपोर्ट
- 40 साल बाद फिर इतिहास रचेगा भारत: भारतीय वायुसेना के शुभांशु शुक्ला मई में जाएंगे अंतरिक्ष
- मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना में संशोधन को मंजूरी, संभागवार कैलेंडर से होंगे सामूहिक विवाह सम्मेलन टाइगर रिजर्व बफर ज़ोन के विकास के लिए 145 करोड़ रुपये की सैद्धांतिक स्वीकृति मंत्रि-परिषद की बैठक में लिए गए अहम फैसले
- वैश्विक मंच पर भारत की धाक: DAIS ने जीता FTC वर्ल्ड रोबोटिक्स खिताब
- मैट्रिमोनियल साइट्स से हुए हर पांचवें विवाह का अंजाम पारिवारिक न्यायालय में
Latest Posts
