भुला दिया गया राजनीति का सबसे बड़ा मंदिर, अब पहुंचा भी दूभर

News from Bhopal, Madhya Pradesh News, Heritage, Culture, Farmers, Community News, Awareness, Charity, Climate change, Welfare, NGO, Startup, Economy, Finance, Business summit, Investments, News photo, Breaking news, Exclusive image, Latest update, Coverage, Event highlight, Politics, Election, Politician, Campaign, Government, prativad news photo, top news photo, प्रतिवाद, समाचार, हिन्दी समाचार, फोटो समाचार, फोटो
Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 4649

आजादी के 70 साल बाद भी स्थिति यह है कि मध्यप्रदेश के मुरैना स्थित इस मंदिर तक पहुंचना दूभर है.



भारतीय राजनीति में शायद ही कोई शख्स होगा जो संसद में नहीं पहुंचना चाहता होगा. देश में संसद को लोकतंत्र का मंदिर कहा जाता है. खुद पीएम मोदी जब साल 2014 का चुनाव जीतने के बाद संसद को मंदिर मान उसकी सीढ़ियों पर शीश झुकाया था.



क्या आपको यह पता है कि भारत की संसद का शिल्प मध्यप्रदेश के मुरैना के मंदिर से प्रेरित है. हालांकि यह बात चौंकाने वाली है जिस राजनीति ने संसद को मंदिर माना उसी ने मुरैना के इस मंदिर तक पहुंचने की जहमत नहीं उठाई.



आजादी के 70 साल बाद भी स्थिति यह है कि मुरैना के इस मंदिर तक पहुंचना दूभर है. इस मंदिर का नाम है चौसठ योगिनी. इस मंदिर के बारे में किसी ने सोचना उचित नहीं समझा. अगर आपको इस मंदिर तक जाने के लिए आपको किराये की टैक्सी लेनी होगी. मंदिर तक जाने वाली सड़क की स्थिति भी बद से बद्तर है.



माना जाता है कि चौसठ योगिनी मंदिर का निर्माण साल 1323 में कराया गया था. गोलाकार में बने इस मंदिर में 64 कमरे है. चौसठ योगिनी मंदिर आदिशक्ति काली का मंदिर है. मान्यता है कि घोर नाम के एक दैत्य से युद्ध करते हुए मां काली ने यहां अवतार लिया था. यह मंदिर योगिनी तंत्र और योग विद्या से जुड़ा हुआ है. चौसठ योगिनी मंदिर एक समय में तांत्रिक विश्वविद्यालय माना जाता था.

Related News

Latest News

Global News