19 अप्रैल 2019। राज्य सरकार ने जल संसाधन विभाग के अंतर्गत कार्यरत वाटर बाडीज यानि जल उपभोक्ता संथाओं के कार्यकाल में सिर्फ एक बार के लिये छह माह की वृध्दि कर दी है।
इस संबंध में जारी अधिसूचना में कहा गया है कि वाटर बाडीज के एक तिहाई सदस्यों एवं उनके अध्यक्षों के निर्वाचन की प्रक्रिया मप्र विधानसभा निर्वाचन की आचार संहिता लागू होने के कारण संभव नहीं हो सकी थी, इसलिये 5120 सदस्यों और 1765 अध्यक्षों का कार्यकाल 3 जनवरी 2019 को समाप्त हो गया है। अतएव मप्र सिंचाई प्रबंधन में कृषकों की भागीदारी अधिनियम के तहत ऐसी जल उपभोक्ता संथाओं के सदस्यों तथा उनके अध्यक्ष की पदावधि में 3 जनवरी 2019 से 6 माह की कालावधि के लिये केवल एक बार वृध्दि की जाती है। निर्वाचन के पश्चात यह विस्तारित कालावधि को उक्त अधिनियम में निर्दिष्ट कालावधि में समयोजित किया जायेगा। इन जल उपभोक्ता संथाओं के सक्षम प्राधिकारी ऐसी विस्तारित कालावधि के लिये निरन्तर बने रहेंगे तथा अपने कत्र्तव्यों का निर्वहन करते रहेंगे।
उललेखनीय है कि प्रदेश की एक तिहाई जल उपभोक्ता संथाओं के कार्यकाल में छह माह की वृध्दि करने हेतु कमतलनाथ सरकार ने राज्यपाल के माध्यम से गत 8 मार्च 2019 को अध्यादेश जारी किया था। इसी अध्यादेश के तहत अब इन जल उपभोक्ता संथाओं के कार्यकाल में छह माह की वृध्दि की गई है।
नहरों का रखरखाव करती हैं ये संथायें :
प्रदेश में जल उपभोक्ता संथायें नहरों का रखरखाव करती हैं। जो किसान इन नहरों से अपने खेतों की सिंचाई हेतु पानी लेते हैं उनसे ये संथायें निर्धारित शुल्क भी वसूल करती हैं।
मध्यप्रदेश की वाटर बाडीज के कार्यकाल में छह माह की वृध्दि
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Bhopal 👤By: DD Views: 1127
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