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प्रदेश में आनलाईन नामांतरण के नए निर्देश जारी हुये

Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 1188

23 अप्रैल 2019। राज्य सरकार ने आनलाईन नामांतरण के नये निर्देश जारी किये हैं। यह कार्यवाही आनलाईन नामांतरण को सुगम बनाने के लिये जारी किये गये हैं।



उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने गत जनवरी माह में भू-राजस्व संहिता 1959 के तहत राजस्व संहिता (भू-अभिलेखों में नामांतरण) नियम 2018 जारी किये थे। इन्हीं नियमों के अंतर्गत नामांतरण हेतु अब नये निर्देश जारी किये गये हैं।



ये हैं नये निर्देश :

एक, आवेदक भूमि में अपने अधिकारों/हितों के अर्जन की रिपोर्ट शासन द्वारा इस हेतु निर्मित इलेक्ट्रानिक सिस्टम के माध्यम से कर सकता है। राज्य शासन द्वारा रेवेन्यु केस मेनेजमेंट सिस्टम को पोर्टल आरसीएमएस एमपी जीओवी डाट इन पर होस्ट किया गया है। इसी आनलाईन सिस्टम के माध्यम से आवेदक अपनी रिपोर्ट आनलाईन दर्ज करा सकेगा। यह प्रयास किया जाये कि भू-अधिकार के अर्जन संबंधी रिपोर्ट यथासंभव आनलाईन दर्ज हो। यदि हित अर्जन संबंधी कोई रिपोर्ट आफलाईन प्राप्त होती है तो संबंधित राजस्व न्यायालय का यह दायित्व होगा कि वह ऐसी सभी आफलाईन रिपोर्ट को आरसीएमएस पोर्टल पर दर्ज करे। यदि वर्तमान में भी कोई आफलाईन रिपोर्ट दर्ज होने हेतु लंबित है तो ऐसी रिपोर्ट को भी आरसीएमएस पोर्टल पर दर्ज किया जाये। ये निर्देश ग्राम पंचायतों के समक्ष विचाराधीन प्रकरणों के लिये भी लागू होगा।



दो, इसी प्रकार, नामांतरण पूर्व रेखाचित्र का तैयार किये जाने के अंतर्गत ऐसे सभी प्रकरणों में, जहां अधिकारों का अर्जन किसी सर्वे नंबर, ब्लाक नंबर या प्लाट नंबर के अंश भाग में हुआ है और उसका स्थल पर सीमांकन किया जाना संभव है, आवेदन-पत्र के साथ प्री-म्युटेशन स्केच संलग्र कर प्रस्तुत किया जायेगा। प्री-म्युटेशन स्कैच पर भूमि के उस भाग को जिसके अधिकारों के अर्जन संबंधी दावा किया जा रहा है, ग्राम/सेक्टर के नक्शे में स्पष्ट रुप से चिन्हित किया जायेगा। स्कैच पर भूमि का सर्वे नंबर/ब्लाक/प्लाट नंबर जिला, तहसील, राजस्व निरीक्षक मंडल एवं ग्राम का विवरण अंकित किया जायेगा। जिन प्रकरणों में एक हजार वर्गमीटर या उससे अधिक क्षेत्रफल की भूमि पर अधिकारों का अर्जन हुआ है, उन प्रकरणों में स्कैच को 1:4000 के स्केल पर तैयार किया जायेगा। जहां भूमि का क्षेत्रफल एक हजार वर्गमीटर से कम है वहां स्कैच 1:1000 के स्केल पर तैयार होगा। जिस भू-भाग पर अधिकारों के अर्जन का दावा किया जा रहा है उसे स्कैच में मूल सर्वे नंबर/ब्लाक नंबर/प्लाट नंबर से भिन्न तरीकों से छायांकित कर शेष भूमि से पृथक रुप से चिन्हित किया जायेगा।

जहां भूमि के विक्रय पत्र/अधिकारों के अर्जन संबंधी अनुबंध के साथ प्री-म्युटेशन स्कैच संलग्र हो वहां पृथक से स्कैच लगाने की आवश्यक्ता नहीं होगी।



तीन, तहसीलदार उसे प्राप्त अधिकार/हित के अर्जन की रिपोर्ट की एक प्रति तत्काल पटवारी/नगर सर्वेक्षक की ओर भेजते हुये, पटवारी/नगर सर्वेक्षक से यह अपेक्षा करेगा कि वह अपना प्रतिवेदन सात दिवस के भीतर उपलब्ध कराये।

चार, नामांतरण आदेश पारित करते समय तहसीलदार भू-राजस्व संहिता के अंतर्गत कलेक्टर की शक्तियों का प्रयोग करते हुये नामांतरण पूर्व रेखाचित्र के आधार पर यथास्थिति ग्राम/सेक्टर/ब्लाक के नक्शे में बंटाकन करेगा और तदानुसार अन्य भू-अभिलेखों में यथा खसरा, खतौनी, भू-अघिकार पुस्तिका आदि में अंकित करेगा।



पांच, यदि कोई पक्षकार नियत तिथि को उपस्थित नहीं होता है तो आदेश तथा अद्वतन खसरा और नक्शा की प्रमाणिक प्रतियां ई-मेल आईडी उपलब्ध होने की स्थिति में, ई-मेल के माध्यम से अथवा रजिस्ट्रीकृत डाक द्वारा संबंधित पक्षकार को प्रेषित करेगा।

छह, लंबित प्रकरणों की त्रैमासिक रिपोर्ट प्राप्ति हेतु फार्म ग्यारह आरसीएमएस पोर्टल पर उपलब्ध कराया गया है, इसलिये पृथक से रिपोर्ट भेजे जाने की आवश्यक्ता नहीं होगी।



विभागीय अधिकारी ने बताया कि नामांतरण की प्रक्रिया आनलाईन करने हेतु नियम बनाये गये थे तथा अब इन्हीं नियमों के तहत आनलाईन नामांतरण को सुगम बनाने के लिये नये निर्देश प्रसारित किये गये हैं। इन निर्देशों के साथ नामांतरण पूर्व रेखा चित्र यानि प्री म्युटेशन स्कैच का फार्म भी जारी किया गया है।





- डॉ. नवीन जोशी

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